रिलायंस जियो और एयरटेल फोन की घंटी (मोबाइल रिंग टाइम) के बजने वाले समय को लेकर एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं। एयरटेल और वोडाफोन का कहना है कि मोबाइल फोन की घंटी बजने का समय 30 सेकेंड होना चाहिए।
इस विवाद की शुरुआत जियो द्वारा आउटगोइंग कॉल की घंटी बजने की समय सीमा पांच सेकेंड बढ़ाते हुए 25 सेकेंड करने के बाद शुरू हुई है। इससे पहले जियो का रिंग टाइम 20 सेकेंड था। एयरटेल और वोडाफोन का कहना है कि जियो द्वारा रिंग टाइम कम रखने से उसको नुकसान उठाना पड़ रहा है।
एयरटेल ने जियो पर आरोप लगाते हुए कहा कि जियो ने रिंग टाइम को इसलिए कम किया है ताकि वह इंटरकनेक्शन यूजेज चार्ज को अपनी हिसाब से तय कर सके। जियो का कहना है कि घंटी का समय अधिक रखने से स्पेक्ट्रम की बरबादी होती है।
जियो पर क्या है आरोप
एयरटेल ने जियो पर आरोप लगाया है कि फोन की घंटी जानबूझकर जल्दी बंद होने से मिस कॉल की संभावना अधिक होती है। इससे उपभोक्ता को फिर से कॉल करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इससे जियो को इंटरकनेक्शन यूजेज चार्ज को कम करने में मदद मिलती है।
ट्राई ले सकता है फैसला
दूरसंचार कंपनियों की छह सितंबर को ट्राई के साथ इस मुद्दे पर एक बैठक हुई थी। इस बैठक में एयरटेल, वोडाफोन, बीएसएनएल और एमटीएनएल ने न्यूनतम रिंग टाइम को 30 सेकंड रखने पर सहमति जताई थी। इन कंपनियों का कहना था कि यह उपभोक्ता और नेटवर्क दोनों के हित में है। सूत्रों का कहना है कि इस मामले पर ट्राई जल्द फैसला लेगा।