पिछले कुछ दिनों में जालंधर में पासपोर्ट बनाने को लेकर गाइडलाइंस का उल्लंघन किया जा रहा था। इसे लेकर एक सूचना सीबीआई ऑफिस चंडीगढ़ भेजी थी। इन्हीं तथ्यों की जांच के लिए सीबीआई की तरफ से सर्च की जा रही है। सीबीआई से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जालंधर से भारी मात्रा में दस्तावेज अभी तक कब्जे में लिए गए हैं।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को स्थानीय क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय में छापा मार कर तीन अधिकारियों को 20 लाख की राशि समेत गिरफ्तार किया है। इनमें क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी अनूप सिंह, सहायक पासपोर्ट अधिकारी हरी ओम व संजय श्रीवास्तव शामिल हैं। सीबीआई की टीम ने एक शिकायत पर कार्रवाई करते हुए 25 हजार की रिश्वत समेत हरी ओम को गिरफ्तार किया, बाद में कार्यालय की सर्च की गई जहां से 20 लाख की नकदी बरामद हुई।
पासपोर्ट जारी करने से संबंधित रिश्वत मामले में क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी (आरपीओ) और दो सहायक पासपोर्ट अधिकारियों (एपीओ) सहित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, जालंधर के तीन अधिकारियों को गिरफ्तार कर सीबीआई टीम चंडीगढ़ रवाना हो गई।
शिकायतकर्ता ने अपनी पोती और पोते के संबंध में नए पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था। जब शिकायतकर्ता दो पासपोर्ट की स्थिति की जांच करने के लिए आरोपी एपीओ से मिला, तो आरोपी ने पासपोर्ट जारी करने के लिए कथित तौर पर 25,000 रुपये की रिश्वत की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि आरोपी ने शिकायतकर्ता को सूचित किया कि रिश्वत की राशि आरपीओ और एक अन्य एपीओ के निर्देश पर स्वीकार की जाती है और इसे उनके बीच बांटा जाता है।
महत्वपूर्ण दस्तावेज भी जब्त
सीबीआई ने जाल बिछाया और आरोपी एपीओ हरी ओम को 25,000 रुपये की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद, क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय, जालंधर के आरपीओ अनूप सिंह और एक अन्य एपीओ संजय श्रीवास्तव को भी गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी व्यक्तियों के आवासीय और कार्यालय परिसरों में तलाशी ली गई तो लगभग 20 लाख रुपये नकद (लगभग) और महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं।