नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के जामिया नगर में हुई तोड़फोड़ के मामले में भाजपा नेता अश्वनी उपाध्याय ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। याचिका में भाजपा नेता ने दिल्ली हाई कोर्ट से मांग की है कि जामिया हिंसा में तोड़फोड़ से हुए नुकसान की भरपायी गिरफ्तार किए गए लोगों से की जाए। इसके लिए कोर्ट संबंधित विभाग और सरकार को आदेश दे।
अश्वनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायधीश डीएन पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने कोई आदेश जारी नहीं किया है। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में हम बाद में विचार करेंगे।
बता दें कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जामिया में प्रदर्शन कर रहे लोग हिंसक हो गए थे। कालिंदी कुंज, ओखला और न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी में उपद्रवियों ने कई वाहनों में तोड़फोड़ की थी जबकि कई में आग लगा दी थी। जानकारी के अनुसार, चार डीटीसी की बसें, 10 बाइक और 100 से अधिक निजी वाहनों को उपद्रवियों ने आग के हवाले कर दिया था। प्रदर्शनकारियों की पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मियों को चोट भी लग गई थी। इस मामले में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया था।
यूपी में की जा रही है हिंसा में हुए नुकसान की भरपाई
नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में भी हिंसक प्रदर्शन हुए थे। अभी हाल में ही यूपी में भी कई जगहों पर उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की थी और आग लगा दी थी। कड़ा रुख अपनाते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हिंसा से हुए नुकसान की भरपाई उपद्रवियों की संपत्तियों से किए जाने का आदेश दिया है। सीएम के आदेश के बाद डीजीपी मुख्यालय ने हिंसक प्रदर्शनों को लेकर दर्ज मुकदमों के तहत संपत्तियों के नुकसान का ब्योरा तलब किया है। अलग-अलग जोन से इसकी सूचनाएं आनी शुरू हो गई हैं। शुरुआती सूचनाओं के आधार पर हिंसा में करोड़ों की संपत्ति आग के हवाले किए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है।
पुलिस कुल क्षति का आकलन होने के बाद आरोपितों की संपत्तियों से उसकी भरपाई की विधिक प्रक्रिया को तेज करेगी। एक अधिकारी ने बताया कि कई जिलों से पूरी सूचना अभी नहीं आ सकी है। उनसे दोबारा सूचना मांगी जा रही है। डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि संपत्ति को हुए नुकसान का ब्योरा जुटाकर अभी कुल क्षति का आकलन किए जाने का काम चल रहा है। जल्द प्रकिया पूरी कराकर शासन को रिपोर्ट भेजी जाएगी।