एएमयू अपनी हरियाली के लिए भी जाना जाता है। 2016 में दीक्षांत समारोह में आए जापान के नोबल पुरस्कार विजेता भौतिक वैज्ञानिक तकाकी कजीता ने भी हरियाली की तारीफ की थी। पर्यावरण संरक्षण के प्रति समर्पित एएमयू के संबंधित अधिकारियों के प्रयासों की सराहना की।
बहुत कम लोग जानते होंगे कि एएमयू में आम, बेलपत्र, अमरूद व आडू के बाग भी हैं। फलों का जायजा तो सभी को भाता ही है, यूनिवर्सिटी को इनसे आय भी अच्छी होती है। इस साल भी यूनिवर्सिटी को दो लाख रुपये से अधिक की आय हुई है। यह पर्दाफाश दैनिक जागरण के आरटीआइ डालने पर हुआ है।
बागों का दिया जाता है ठेका
एएमयू में विक्टोरिया गेट के सामने, फार्म हाउस व एग्रीकल्चर फैकल्टी में आम के तीन बागों में 299 पेड़ हैं। इंतजामिया हर साल इन बागों को ठेके पर देता है। यहां बेलपत्र के 24, अमरूद के 233 और आडू के 112 पेड़ हैं। आम के बाग के साथ इनका भी ठेका दिया जाता है। कैंपस में कई विभागों के परिसर में आम के पेड़ भी हैं, जो मौसम में फलों से लदे रहे रहते हैं। 2017-18 में यूनिवर्सिटी को इन बागों से दो लाख नौ हजार की आय हुई।
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