ए। किसी हादसे के दौरान या मौत के बाद अकाउंट का पैसे कैसे और किसे मिलेगा, यह एक अहम सवाल है। इन्हीं सवालों का जवाब है ‘बैंक अकाउंट नाॉमिनेशन’। है बैंक अकाउंट नॉमिनेशन?
इसके लिए उत्तराधिकार प्रमाणपत्र, लेटर ऑफ ऐडिमिनिस्ट्रेशन या कोर्ट ऑर्डर नहीं मांगा जाता है।तत्काल नॉमिनेशनअगर अकाउंट होल्डर ने नॉमिनेशन नहीं किया है या मौजूदा नॉमिनेशन को कैंसल कर दिया है तो वह फॉर्म डीए1 भरकर नॉमिनेशन कर सकता है। यह फॉर्म बैंक की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। इसमें अकाउंट होल्डर और डिपॉजिट के डिटेल और नॉमिनी की इंफॉर्मेशन दी जाती है। फॉर्म पर सभी अकाउंट होल्डर्स का दस्तखत होना जरूरी है।
नॉमिनी का नाम हटाना
मौजूदा नॉमिनी का नाम फॉर्म डीए2 भरकर रिकॉर्ड से हटाया जा सकता है। इस फॉर्म में अकाउंट और अकाउंट होल्डर डिटेल भरना होता है। इसमें उस नॉमिनी का नाम और पता देना होता है जिसका नाम हटाना होता है। फॉर्म पर सभी अकाउंट होल्डर्स का दस्तखत होना जरूरी है।
नाबालिग का नॉमिनेशन
अगर नॉमिनेशन नाबालिग का किया गया है तो नॉमिनेशन फॉर्म में उसके गार्डियन का डिटेल देना जरूरी होता है। गार्डियन बालिग हो सकता है जो अकाउंट होल्डर की मौत होने पर नाबलिग के बालिग होने तक उसके लिए अकाउंट की रकम हासिल कर सकता है।
एक से ज्यादा नॉमिनेशन
बैंक अकाउंट में एक ही नॉमिनी हो सकता है, लेकिन बैंक अलग अलग अकाउंट के लिए अलग अलग नॉमिनी अपॉइंट कर सकता है। इसके लिए अलग से नॉमिनेशन फॉर्म भरना जरूरी होगा।
इन बातों का ध्यान रखें
नॉमिनी मरने वाले शख्स के कानूनी वारिस के फायदे के लिए फंड अपने पास रखता है।अकाउंट होल्डर्स के दस्तखत को गवाहों से सत्यापित कराना जरूरी नहीं होता। लेकिन अंगूठे के छाप से नॉमिनेशन किए जाने पर दो गवाहों की जरूरत होती है।
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