जानें, बजट 2021 में किया मिला रियल एस्टेट को और पिछले बजट में क्या पाया था इस सेक्टर ने

पीएम नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आज दूसरा बजट पेश हो चुका है। रियल एस्टेट सेक्टर बड़ी राहत की उम्मीद में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर देख रहा था। जानें इस साल बजट से रियल एस्टेट सेक्टर को क्या मिला और पिछले साल क्या मिला था।

बजट 2021-22 रियल एस्टेट के लिए बड़ी घोषणाएं

अफोर्डेबल हाउसिंग और किराए पर घर की योजना पर फोकस किया गया है। अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए डेढ़ लाख रुपये की टैक्स छूट एक साल के लिए बढ़ा दी गई है। घोषणा की गई है कि बैंकों के एनपीए पर निगरानी रखने के लिए परिसंपत्ति पुनर्निर्माण और प्रबंधन कंपनी बनेगी। इस कंपनी से रियल एस्टेट की संकट वाली करीब डेढ़ लाख करोड़ की संपत्ति को भी लाभ मिलेगा। इसके अलावा स्टील पर कस्टम ड्यूटी घटाकर 7.5 फीसदी करने का ऐलान भी किया गया है। इससे घर बनाने की लागत में कमी आएगी।

पिछले बजट (2020-2021) में रियल एस्टेट के लिए बड़ी घोषणाएं और उसके लाभ

बजट 2020 में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 103 लाख करोड़ का आवंटन हुआ। 6,500 प्रोजेक्ट को इस दायरे में लेने से आवासीय रियल स्टेट सेक्टर में तेजी की संभावना जगी। इसके अलावा घरों में पाइप से पानी की आपूर्ति के लिए 3.6 लाख करोड़ रुपए का आवंटन किया गया। वहीं 5 नए स्मार्ट शहर बनाने की दूरदृष्टि से अफोर्डेबल हाउसिंग में उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ा।

-बजट में अफोर्डेबल हाउसिंग लोन के ब्याज पर अतिरिक्त 1.5 लाख रुपये के टैक्स लाभ को बढ़ाकर मार्च 2021 तक किया गया।

-रियल स्टेट में ट्रांजेक्शन की सीमा बढ़ाने और रियल स्टेट ट्रांजेक्शन में छूट देने से अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में सुधार हुआ।

बजट 2021 से ढेरों उम्मीदें

नोटबंदी के बाद से ही उठने की कोशिश कर रहे रियल एस्टेट को केन्द्रीय वित्त मंत्री के बजट-21 से काफी उम्मीदें है। कोरोना संकट के चलते फंसे रियल स्टेट प्रोजेक्ट्स को पूरा करने के लिए भी डेवलपर्स अलग फंड बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही, इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को बहाल करने और अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में 75 लाख रुपये तक के मकानों को शामिल करने की मांग की जा रही है। होम लोन के ब्याज़ में डिडक्शन को 2 लाख से बढ़ाने और SEZ को बढ़ावा देना भी बिल्डरों की मांगों की सूची में शामिल है। कहा जा रहा है कि 30 लाख रुपये या इससे कम के किफायती दरों पर बैंकों को 90 फीसद तक होम लोन दिया जाए। वहीं सस्ती आवासीय परियोजनाओं के लिए सस्ती दरों पर कर्ज मुहैया कराना भी बेहतर होगा।  

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