अमेरिका समेत तमाम यूरोपीय देशों के धमकी को दरकिनार करते हुए चीन ने हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लागू कर दिया है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस कानून का विरोध कर रहे देशों की अब क्या प्रतिक्रिया होगी। इसके साथ हांगकांग के नागरिक इस कानून को लेकर किस तरह अपना विरोध प्रगट करते हैं। आइए जानते हैं इस कानून की क्या है खासियत। क्या सच में यह कानून हांगकांग की स्वतंत्रता में एक बड़ी बाधा बनेगा।

सुप्रीम होगा राष्ट्रीय सुरक्षा कानून
चीन का राष्ट्रीय सुरक्षा कानून हांगकांग में सुपर कानून के रूप में होगा। इस पर हांगकांग सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होगा। इस कानून में स्पष्ट किया गया है कि इस कानून को लागू करवाने में हांगकांग सरकार या उसके कर्मचारियों का कोई रोल नहीं होगा। इसे हांगकांग सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर रखा गया है। स्पष्ट है कि हांगकांग में यह एक सुपर कानून की तरह काम करेगा। कानून में कहा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत जब लोग अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे होंगे तो इस पर हांगकांग सरकार को कोई नियंत्रण नहीं होगा। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून से जुड़े स्टाफ हांगकांग सरकार के नियंत्रण में नहीं रहेंगे।
आतंकवाद की गढ़ी गई नई परिभाषा
इस कानून में आतंकवाद की नई परिभाषा गढ़ी गई है। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अनुसार यदि हांगकांग में प्रदर्शनकारी राजनीतिक उद्देश्यों के लिए चीन की सरकार पर दबाव बनाने के लिए सार्वजनिक परिवहन में आगजनी या सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं तो उनका यह कृत्य आतंकवाद की श्रेणी में होगा। यह आतंकवादी घटना मानी जाएगी। ऐसे समय राष्ट्रीय सुरक्षा कानून अपना काम करेगा।
अधिकतम आजीवन कारावास की सजा
इस एक्ट में तीन परिस्थितियों का जिक्र किया गया है। इन तीन परिस्थितियों में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई होगी। ये तीन स्थितियां निम्न है -पहला, आंतरिक मामलों में विदेश हस्तक्षेप के खिलाफ, बहुत गंभीर मामले, राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा होने पर। इस एक्ट में बहुत गंभीर मामलों को विवेचना का अधिकार चीन की कम्युनिस्ट सरकार के पास होगा। वह किसी भी मामले को गंभीर की श्रेणी में रख सकती है। इस एक्ट के तहत नेताओं या गंभीर अपराधियों को आजीवन कारावास या न्यूनतम 10 साल की सजा का प्रावधान है।
हांगकांग में एक स्वतंत्र निकाय की तरह काम करेगा चीनी कार्यालय
नए कानून के अनुसार बीजिंग, हांगकांग में एक नए कार्यालय की स्थापना करेगा। यह कार्यलय खासकर चीन की सुरक्षा एजेसिंयों के लिए होगा। चीन के इस कार्यलया पर हांगकांग सरकार को कोई हस्तक्षेप और दखल नहीं होगा। यह स्थानीय सरकार के दायरे में नहीं आएगा। इतना ही नहीं हांगकांग सरकार कानून के प्रवर्तन करने वाले कर्मियों के व्यवहार को नियंत्रित नहीं कर सकती न उनका निरीक्षण कर सकती है।
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