अफगानिस्तान के हिंदुकुश में आए भूकंप से बुधवार दोपहर को एशिया के कई देशों में इसके झटके महसूस किए गए. हिंदुकुश में भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 मापी गई है. खबर लिखे जाने तक इस भूकंप में एक बच्ची की मौत हो गई थी और दर्जनों लोग घायल हो गए. इसका ज्यादा असर अफगानिस्तान और उससे लगे पाकिस्तान के इलाकों में देखा गया है. भारत में भूकंप के झटके दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू कश्मीर, उत्तर प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में महसूस किए गए.अप्रैल 2015 में नेपाल में आए जोरदार भूकंप के बाद से हिंदुकुश में भूकंप के झटके बढ़े हैं. वैज्ञानिकों की मानें तो हिमालय के पहाड़ों के गर्भ में कई और बड़े भूकंप पल रहे हैं. भूगर्भ वैज्ञानिकों के मुताबिक, कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल और असम में बड़े भूकंप की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है.
भारत में इन इलाकों को है सबसे ज्यादा खतरा
भारत को भूकंप के क्षेत्र के आधार पर चार हिस्सों- सिस्मिक जोन-2, जोन-3, जोन-4 और जोन-5 में बांटा गया है. जोन 2 बूकंप के लिहाज से सबसे कम और जोन-5 सबसे ज्यादा संवेदनशील होता है. जोन 5 में भारत के जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्से आते हैं. उत्तराखंड के निचले हिस्से, उत्तर प्रदेश के ज्यादातर हिस्से और राजधानी दिल्ली जोन-4 में आती हैं. मध्य भारत जोन-3 में और जोन-2 में दक्षिण भारत के इलाके आते हैं.
दिल्ली भी इसलिए है पहाड़ों की तरह संवेदनशील
दिल्ली फॉल्ट लाइन यानी जमीन के नीचे भूकंप के लिहाज से सक्रिय तीन इलाकों की सरहद पर बसी है. ये फाल्ट लाइन हैं सोहाना फॉल्टलाइन, मथुरा फॉल्टलाइन और दिल्ली-मुरादाबाद फॉल्टलाइन. लंबी रिसर्च के बाद आईआईएससी यानी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के वैज्ञानिक भी दिल्ली, कानपुर, लखनऊ और उत्तरकाशी के इलाकों में भयंकर भूकंप आने की चेतावनी दे चुके हैं. यानी करीब-करीब पूरा उत्तर भारत भूकंप की चपेट में आ सकता है.
बड़ा खतरा लेकर आएगा हिमालय का भूकंप
एनआईडीएम के कार्यकारी निदेशक संतोष कुमार कह चुके हैं, ‘भारतीय हिमालय के तीनों हिस्सों पश्चिमी हिमालय, मध्य हिमालय और पूर्वी हिमालय में बड़ा भूकंप कभी भी दस्तक दे सकता है. सीस्मिक गैप की थ्योरी के आधार पर वैज्ञानिक कश्मीर, हिमालय के कांगड़ा और उत्तराखंड में बड़े भूकंप के दोहराव की आशंका जता रहे हैं. ये भूकंप छोटा नहीं बल्कि इसकी तीव्रता 8 से भी ज्यादा तेज हो सकती है.’