अक्षय तृतीया 18 अप्रैल को है इस दिन से चार धाम की यात्रा शुरू हो जाएगी क्योंकि इस दिन गंगोत्री और यमनोत्री के कपाट खुल जाएंगे। लेकिन इस साल कुछ ऐसा संयोग बना है कि केदारनाथ के कपाट अक्षय तृतीया के 11 दिन बाद 29 अप्रैल को और बदरीनाथ के कपाट अक्षय तृतीय के 12 दिन बाद 30 अप्रैल को खुल रहे हैं। जबकि आमतौर पर अक्षय तृतीय के दो-तीन दिन बाद केदारनाथ और अगले दिन बदरीनाथ के कपाट खुल जाते हैं। 
लेकिन बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोले जाने की तिथि बसंत पंचमी के मौके पर टिहरी के पूर्वराजाओं के महल में तय होती है, इसकी कोई निश्चित तिथि नहीं है। राजपुरोहितों द्वारा लग्न निकाले जाते हैं। इसमें सामान्यतः बैशाख माह की उपयुक्त तिथि देखी जाती है। पूर्व राजा की सहमति से निकाले गए दिनों में से शुभ दिन तय किया जाता है।
2018 बदरीनाथ के कपाट खुलने का दिन मुहूर्त तय, यह है परंपरा
केदारनाथ के कपाट खुलने की तिथि केदारनाथ के रावल के निर्देशन में उखीमठ में पंडितों द्वारा तय की जाती है। इसमें सामान्य सुविधाओं के अलावा परंपराओं का ध्यान रखा जाता है। यही कारण है कि कई बार ऐसे भी मुहूर्त भी आए हैं जिससे बदरीनाथ के कपाट केदारनाथ से पहले खोले गए हैं। जबकि आमतौर पर केदारनाथ के कपाट पहले खोले जाते हैं।
अक्षय तृतीया से लंबे अंतराल के बाद बदरीनाथ और केदारनाथ के कपाट खुलने की वजह से इस साल चार धाम यात्रा के पहले हफ्ते में यात्रियों की संख्या कम रहने की संभावना जताई जा रही है।
2018 बदरीनाथ यात्रा में इस बार खास
इस बार तीर्थयात्रा को बेहतर बनाने के लिए तकनीक के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। राज्य सरकार पंजीकरण व्यवस्था को यात्रियों के अनुकूल बनाने के कार्य कर रही है। ऋषिकेश से लेकर सभी धामों के बीच पड़नेवाले महत्वपूर्ण स्थानों पर पंजीकरण की व्यवस्था को प्रभावी बनाया जा रहा है। इससे बदरीनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए घंटो लाइन में खड़े रहने से मुक्ति मिलने की बात कही जा रही है।
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने इस बार मंदिर में प्रवेश के लिए कम्प्यूटरीकृत टोकन सिस्टम की व्यवस्था फिर से शुरू करने की योजना बनायी है। मंदिर के पीआरओ डा. हरीश गौड़ ने बताया ‘इस बार बदरीनाथ धाम में प्रवेश के लिए तीर्थयात्रियों को पंजीकरण कराना होगा। पंजीकरण करते समय तीर्थयात्रियों को प्रवेश के लिए टोकन दिया जाएगा, जिसमें प्रवेश के लिए गेट पर पहुंचने का समय निर्धारित होगा। इससे तीर्थयात्री लाइन में खड़े रहनेवाले समय का उपयोग बद्रीनाथ धाम के अन्य स्थलों के दर्शन के लिए भी कर सकेंगे।
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