धर्म की आड़ लेकर अपने गोरखधंधे चलाने वाले राम रहीम के लिए शुक्रवार का दिन अहम है। आज पंचकूला की विशेष सीबीआई कोर्ट पत्रकार छत्रपति हत्याकांड में फैसला सुनाएगी। राम रहीम अभी सुनारिया जेल में कैद है और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उसकी पेशी होगी। जानिए क्या है पत्रकार छत्रपति हत्याकांड
यह करीब 16 साल पुराना मामला है। साल 2002 में पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। छत्रपति अपने अखबार में डेरा से जुड़ी खबरे छापते थे। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम पर किशनलाल, निर्मल और कुलदीप के साथ मिलकर साजिश रच कर छत्रपति की हत्या कराने का आरोप है। आरोप है कि बाइक पर आए कुलदीप ने गोली मार कर रामचंद्र प्रजापति की हत्या कर दी थी उसके साथ निर्मल भी था।
छत्रपति ने अपने सांध्यकालीन समाचार पत्र ‘पूरा सच’ मेंं इस संबंध में अनाम साध्वी का पत्र प्रकाशित किया था और पूरे मामले का खुलासा किया था। इस मामले में 2003 में एफआईआर दर्ज हुई थी और 2006 में मामला सीबीआइ के सुपुर्द किया गया था। इन साध्वियों से दुष्कर्म के मामले में ही गुरमीत राम रहीम सुनारिया जेल में 20 वर्ष कैद की सजा भुगत रहा है।
सुनवाई से पहले पंचकूला में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। धारा 144 लगा दी गई है। जजों की सुरक्षा पर भी खास ध्यान दिया गया है। कोर्ट परिसर में 240 जवान तैनात किए गए हैं। अलग-अलग नाकों पर करीब 1200 सशस्त्र जवान तैनात किए गए हैं।
फैसले से पहले टेंशन में राम रहीम
सुनारिया जेल में मुलाकात की और शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होने वाली पेशी को लेकर कुछ जानकारी दी। वरिष्ठ अधिवक्ता सलवारा दोपहर करीब ढाई बजे जेल में पहुंचे। करीब 20 मिनट अधिवक्ता ने बातचीत की।
बताया जाता है कि राम रहीम अधिवक्ता से मुलाकात के दौरान काफी मायूस दिखा। मां के सामने नम हो गई थीं आंखें जेल सूत्रों के अनुसार सोमवार को राम रहीम से मिलने उसकी मां नसीब कौर समेत बेटा जसमीत, बेटी अमरप्रीत, बेटी चरणप्रीत व परिवार के सदस्य जेल पहुंचे थे।
परिवार के सदस्यों से मुलाकात के दौरान गुरमीत भावुक हो गया और उसके चेहरे पर उदासी भी साफ झलक रही थी। वह परिवार के सदस्यों से ठीक से बातचीत भी नहीं कर पाया। मां ने उसे सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद भी दिया।