चीन के दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में बनी दुनिया की सबसे बड़ी बुद्ध प्रतिमा में दरार आ गई है. अब करीब चार महीने तक इसकी जांच की जाएगी. बुद्ध की इस प्रतिमा के निर्माण में 90 साल से ज्यादा का वक्त लगा था. इसे बनाने की शुरुआत तांग वंश (618-907) के शासन के दौरान वर्ष 713 में हुई थी. यूनेस्को द्वारा विश्व सांस्कृतिक धरोहर घोषित की जा चुकी इस प्रतिमा की कई बार जांच और मरम्मत हो चुकी है. लेशान शहर के बाहरी हिस्से में बनी 71 मीटर ऊंची इस प्रतिमा की छाती और पेट वाले हिस्से में दरार आ गई है और कहीं-कहीं से यह टूट भी गई है. यह जानकारी लेशान बुद्ध क्षेत्र की प्रबंधन समिति ने दी. चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने खबर दी है कि 8 अक्टूबर से शुरू होने जा रही जांच-परख की प्रक्रिया के दौरान बुद्ध की प्रतिमा का प्रमुख हिस्सा आंशिक तौर पर या पूरी तरह ढक दिया जाएगा. सांस्कृतिक स्मृति-चिह्नों के दर्जनों विशेषज्ञों की निगरानी में प्रतिमा की जांच की जाएगी. इसमें 3डी लेजर स्कैनिंग, इंफ्रारेड थर्मल इमेजिंग जैसी तकनीक का इस्तेमाल होगा और ड्रोन से हवाई सर्वेक्षण भी किया जाएगा.

जानिए कैसे दुनिया की सबसे बड़ी बुद्ध प्रतिमा में आई दरार, 90 वर्षों में हुई थी तैयार

चीन के दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में बनी दुनिया की सबसे बड़ी बुद्ध प्रतिमा में दरार आ गई है. अब करीब चार महीने तक इसकी जांच की जाएगी. बुद्ध की इस प्रतिमा के निर्माण में 90 साल से ज्यादा का वक्त लगा था. इसे बनाने की शुरुआत तांग वंश (618-907) के शासन के दौरान वर्ष 713 में हुई थी. यूनेस्को द्वारा विश्व सांस्कृतिक धरोहर घोषित की जा चुकी इस प्रतिमा की कई बार जांच और मरम्मत हो चुकी है. चीन के दक्षिण-पश्चिमी सिचुआन प्रांत में बनी दुनिया की सबसे बड़ी बुद्ध प्रतिमा में दरार आ गई है. अब करीब चार महीने तक इसकी जांच की जाएगी. बुद्ध की इस प्रतिमा के निर्माण में 90 साल से ज्यादा का वक्त लगा था. इसे बनाने की शुरुआत तांग वंश (618-907) के शासन के दौरान वर्ष 713 में हुई थी. यूनेस्को द्वारा विश्व सांस्कृतिक धरोहर घोषित की जा चुकी इस प्रतिमा की कई बार जांच और मरम्मत हो चुकी है.  लेशान शहर के बाहरी हिस्से में बनी 71 मीटर ऊंची इस प्रतिमा की छाती और पेट वाले हिस्से में दरार आ गई है और कहीं-कहीं से यह टूट भी गई है. यह जानकारी लेशान बुद्ध क्षेत्र की प्रबंधन समिति ने दी. चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने खबर दी है कि 8 अक्टूबर से शुरू होने जा रही जांच-परख की प्रक्रिया के दौरान बुद्ध की प्रतिमा का प्रमुख हिस्सा आंशिक तौर पर या पूरी तरह ढक दिया जाएगा. सांस्कृतिक स्मृति-चिह्नों के दर्जनों विशेषज्ञों की निगरानी में प्रतिमा की जांच की जाएगी.  इसमें 3डी लेजर स्कैनिंग, इंफ्रारेड थर्मल इमेजिंग जैसी तकनीक का इस्तेमाल होगा और ड्रोन से हवाई सर्वेक्षण भी किया जाएगा.

लेशान शहर के बाहरी हिस्से में बनी 71 मीटर ऊंची इस प्रतिमा की छाती और पेट वाले हिस्से में दरार आ गई है और कहीं-कहीं से यह टूट भी गई है. यह जानकारी लेशान बुद्ध क्षेत्र की प्रबंधन समिति ने दी. चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने खबर दी है कि 8 अक्टूबर से शुरू होने जा रही जांच-परख की प्रक्रिया के दौरान बुद्ध की प्रतिमा का प्रमुख हिस्सा आंशिक तौर पर या पूरी तरह ढक दिया जाएगा. सांस्कृतिक स्मृति-चिह्नों के दर्जनों विशेषज्ञों की निगरानी में प्रतिमा की जांच की जाएगी.

इसमें 3डी लेजर स्कैनिंग, इंफ्रारेड थर्मल इमेजिंग जैसी तकनीक का इस्तेमाल होगा और ड्रोन से हवाई सर्वेक्षण भी किया जाएगा.

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