भारतीय टीम के बल्लेबाज शुभमन गिल ने रणजी ट्रॉफी मुकाबले में पंजाब की तरफ से खेलते हुए कर्नाटक के खिलाफ शतक जमाया है। गिल को हाल ही में काफी आलोचना झेलनी पड़ी थी और इसका कारण ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनका खराब प्रदर्शन था। गिल ने घरेलू क्रिकेट में शतक लगाने के बाद बताया है कि उनसे कहां गलती हो रही है।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गिल ने तीन टेस्ट मैच खेले थे, लेकिन एक में भी अर्धशतक नहीं लगाया था। वह अच्छी शुरुआत तो कर रहे थे, लेकिन उसे बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पा रहे थे। गिल ने शतक लगाने के बाद बताया है कि वह किस कारण ऐसा नहीं कर पा रहे थे।
ले रहे हैं दबाव
गिल ने कर्नाटक के खिलाफ दूसरे मैच में शतक जमाया। उन्होंने 171 गेंदों पर 14 चौके और तीन छक्कों की मदद से 102 रनों की पारी खेली। गिल ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा, “लाल गेंद से बल्लेबाजी चिंता का विषय है। कई मैं सोचता हूं कि जो मैच मैंने खेले हैं उनमें 25-30 रन अच्छे तरह से किए। मुझे लगता है कि कई बार मैं अपने आप पर ज्यादा दबाव बना लेता हूं कि मुझे बड़ा स्कोर करना है। मैं इस तरह से क्रिकेट खेलकर बड़ा नहीं हुआ।”
गिल ने कहा, “मैं एक जोन में हूं। मैं एक सोच के साथ उतरता हूं और मुझे लगता है कि कई बार मैं उसे खो देता हूं क्योंकि मैं अपने आप पर ज्यादा दबाव बना लेता हूं। अहम समय पर मैं अपना ध्यान और एकाग्रता खो बैठता हूं। मुझे लगता है कि ये आपको हमेशा मैच में रखते हैं।”
ऑस्ट्रेलिया में रहे फेल
गिल ने ऑस्ट्रेलिया दौरे पर खेली गई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में कुल तीन मैच खेले थे। पहले मैच में वह चोट के कारण बाहर थे। वहीं चौथे मैच में उन्हें बाहर कर दिया गया था। तीन मैचों में गिल ने 93 रन ही बनाए थे। इस दौरान उनका औसत 18.60 रहा था। इन तीन मैचों की पांच पारियों में गिल का बेस्ट स्कोर 31 रन था।
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