एक न्यायिक आयोग को पुणे की पुलिस ने बताया है कि कोरेगांव-भीमा में एक जनवरी को हिंसा से एक दिन पहले एल्गार परिषद के सम्मेलन में भड़काऊ भाषण देकर लोगों को भड़काया गया था।
हिंसा के मामले की जांच करने वाले सेवानिवृत्त जस्टिस जेएन पटेल के जांच आयोग के समक्ष पुणे पुलिस ने हलफनामा दायर करके ताजा जानकारी दी है।
पुणे पुलिस की ओर से अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिण क्षेत्र) रवींद्र सेनगांवकर ने हलफनामे में कहा कि सम्मेलन के ऐन पहले लोगों के दिमाग में भड़काऊ भाषणों से जहर भर दिया गया था।
इसी के चलते अगले दिन भीमा-कोरेगांव में जमकर हिंसा हुई थी।
सरकारी वकील शिशिर हिरे की ओर से आयोग को बताया गया कि जांच के दौरान पुणे पुलिस को लगा कि एल्गार परिषद का गठन ही किसी साजिश के तहत किया गया था।
गौरतलब है कि पिछले साल 31 दिसंबर को एल्गार परिषद का आयोजन यहां शनिवारवाड़ा में किया गया था। यह समारोह हर साल दलितों की ओर से राज्य भर में मनाया जाता है।