राजधानी में जहरीली हवा और यमुना नदी के दूषित पानी से विदेशी पक्षियों के आगमन पर गंभीर असर पड़ा है। विदेशी प्रजातियों के पक्षी दिल्ली से दूरी बना रहे हैं। जहां अब तक यमुना का किनारा विदेशी पक्षियों की अठखेलियों से गुलजार होता था, वहां अब तक इनकी संख्या के साथ प्रजातियों में भी कमी देखने को मिली है।
हालांकि, विशेषज्ञ अभी इसका विश्लेषण कर रहे हैं। यहां चार से पांच प्रजातियों के विदेशी पक्षियों को ही अब तक देखा गया है, जबकि बीते वर्ष इस समय तक छह से सात प्रजातियों को देखा गया था। यूरोप से लेकर मध्य एशिया व चीन से सफर तय कर यह विदेशी पक्षी आते हैं।
यमुना के किनारे और यमुना बायो डायवर्सिटी पार्क में अपना डेरा धीरे-धीरे डाल रहे हैं, जबकि चिड़ियाघर में भी कुछ ही विदेशी परिंदों ने दस्तक दी है। बदलते मौसम को देखते हुए इस वर्ष यूरेसियन कूट देरी से आए हैं। इन्होंने इस बार 25 अक्तूबर को दस्तक दी, जबकि यह 2023 में 21 अक्तूबर, 2022 में 15 अक्तूबर व 2021 में 19 अक्तूबर को यहां पहुंचे थे।
वहीं, ब्लैक रेड स्टार्ट प्रजाति के पक्षियों को अभी तक देखा नहीं गया है। इन्होंने बीते वर्ष 12 अक्तूबर को दस्तक दी थी। यह 2022 में 5 अक्तूबर और 2021 में दो अक्तूबर को यहां पहुंचे थे। चीन से अभी ग्रेट कॉर्मोरेंट, नॉर्दन पिनटेल यूरोप और ग्रेलैग गूज आए हैं। ये प्रवासी पक्षी यमुना घाट पर नजर आने लगे हैं। इन विदेशी मेहमानों में साइबेरियन सिगल्स भी शामिल हैं।
प्रदूषित हवा में सांस लेने को मजबूर हैं परिंदे
आसमान में स्मॉग की मोटी चादर छाने और यमुना नदी के प्रदूषित होने से यह पक्षी दिल्ली पहुंचने से पहले राजस्थान और उत्तर प्रदेश के आसपास हैं।