बलरामपुर जिले का हवाई सर्वेक्षण करने आए जल शक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने पुलिस लाइन में पत्रकारों से कहा कि भाजपा सरकार बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए संकल्पित है। 32 साल बाद इस बार बाढ़ में भारी तबाही हुई है। सरकार ने निर्णय लिया है कि सभी को समुचित मुआवजा मिलेगा। देवीपाटन मंडल के चारों जिले बाढ़ प्रभावित हैं। सरकार का दायित्व है कि सभी तक समुचित सेवा उपलब्ध कराई जाए।
जल शक्ति मंत्री ने कहा कि दैवी आपदा से निपटने के लिए सम्पूर्ण रणनीति सरकार के पास तैयार है। नुकसान की भरपाई की जाएगी। जल शक्ति मंत्री पौने तीन बजे बाढ़ से क्षति का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद पुलिस लाइन में हेलीकाप्टर से उतरे। उन्होंने अधिकारियों की प्रशंसा की। कहा कि बाढ़ खण्ड के अधिकारियों ने उत्तरदायित्व का निर्वहन किया है। डीएम, सीडीओ व अन्य अधिकारियों की भी प्रशंसा की। कहा कि अधिकारियों ने आपदा की घड़ी में साहस का परिचय दिया है। श्री सिंह ने कहा कि आपदा में सभी को साथ में मिलकर कार्य करना होगा। कहा कि हवाई सर्वेक्षण में सामने आया है कि काफी नुकसान हुआ है। सभी पीड़ितों को अहेतुक सहायता दी जाएगी।
पूर्व कार्यक्रम के अनुसार जल शक्ति मंत्री को पुलिस लाइन में हेलीकाप्टर से पहुंचकर सड़क मार्ग से चुंगीनाका तक जाना था। अधिकारियों केसाथ बाढ़ बचाव व राहत कार्य की समीक्षा भी करनी थी लेकिन समयाभाव के कारण जल शक्ति मंत्री हवाई सर्वेक्षण कर वापस लौट गए। इस अवसर पर राहत आयुक्त प्रभुनाथ सिंह, सदर विधायक पल्टूराम, तुलसीपुर विधायक कैलाश नाथ शुक्ला, उतरौला विधायक राम प्रताप वर्मा, समाजसेवी धीरेन्द्र प्रताप सिंह धीरू, डीपी सिंह, जिलाधिकारी डा. महेन्द्र सिंह, एसपी राजेश कुमार सक्सेना, एडीएम राम अभिलाष व अन्य अधिकारी मौजूद थे।
प्रभावित क्षेत्रों में कैम्प करें अधिकारी: मंत्री
जल शक्ति मंत्री ने अधिकारियों के साथ पुलिस लाइन के सभागार में समीक्षा बैठक की। बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिया कि राहत तथा बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चलाए जाएं। अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में कैम्प करें। ग्राम स्तरीय कर्मचारियों के माध्यम से प्रभावित परिवारों को पका भोजन व राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाए। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चिकित्सीय सुविधा के साथ मेडिकल किट उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने राहत कार्य में स्वयं सेवी संस्थाओं की मदद लिए जाने के निर्देश दिए। कन्ट्रोल रूम को और सक्रिय किया जाए तथा सभी शिकायतों का निस्तारण हो। कन्ट्रोल रूम से प्रतिदिन सौ-सौ ग्राम प्रधानों, लेखपालों तथा आम जन मानस को कॉल करके बचाव कार्य का जायजा लिया जाए।