जया एकादशी के दिन विधि-विधान के साथ करे भगवान विष्णु की पूजा, पढ़ें ये जरूरी नियम

हिंदू धर्म में जया एकादशी का विशेष महत्व है। हर साल माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी व्रत रखा जाता है। इस साल जया एकादशी 1 फरवरी 2023, बुधवार को है। जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है। इसके साथ ही इस दिन व्रत रखने का भी विधान है। मान्यता है कि एकादशी के दिन व्रत करने वाले जातकों को सभी सुखों की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र में एकादशी व्रत से जुड़े कुछ विधान वर्णित हैं, जिनका पालन करने से जातक को व्रत का अतिशीघ्र फल मिलता है और मनोकामना पूरी होती है। आप भी पढ़ें एकादशी तिथि से जुड़े नियम-

1. द्वादशी तिथि में ही करें व्रत पारण-

एकादशी के व्रत को समाप्त करने को पारण कहते हैं। एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना बहुत आवश्यक है। अगर द्वादशी तिथि सूर्योदय से पहले समाप्त हो गई हो तो एकादशी व्रत का पारण सूर्योदय के बाद ही होता है। द्वादशी तिथि के भीतर पारण न करना पाप करने के समान होता है।

2. हरि वासर समाप्ति समय क्या है?

हरी वासर का समय एकादशी व्रत को तोड़ने के लिये वर्जित माना गया है। अगर आप व्रत को मध्य तक करने की स्थिति में नहीं हैं या किसी भी तात्कालिक परिस्थिति में आप व्रत को हरी वासर के समाप्त होने के बाद ही खोल सकते हैं। हालांकि व्रत को हरी वासर समाप्त होने के कुछ घंटों के बाद ही खोलना उचित होता है।

3. क्या एकादशी के प्रारंभ होते ही करें व्रत नियमों का पालन?

एकादशी का व्रत हमेशा सूर्योदय पर प्रारम्भ होता है और ज्यादातर अगले दिन सूर्योदय के बाद समाप्त होता है। एकादशी व्रत का पालन आमतौर पर 24 घंटों के लिए किया जाता है, यानी स्थानीय सूर्योदय के समय से अगले सूर्योदय तक।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com