कश्मीर में बहार ने दस्तक दी तो हर तरफ़ रंग बिरंगे फूल खिल उठे. पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए कश्मीर की प्रसिद्ध बादामवारी के साथ ट्यूलिप गार्डन को लोगों के लिए औपचारिक तौर पर खोल दिया गया. दो दिनों के भीतर करीब दस हज़ार से अधिक पर्यटक इन हसीन नजारों को देखने पहुंचे.
वही फ़्लोरिकल्चर अफ़सर अलताफ़ अहमद ने कहा “इस बाग के खुलने के दो दिनों के भीतर ही पहले दिन 8 हज़ार से अधिक पर्यटक यहाँ आए हैं. उम्मीद है कि कश्मीर घूमने आए पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी. अलताफ़ के अनुसार करीब 12 लाख फूल इस साल खिलने की उम्मीद हैं. वहीं इस बार फ़्लड लाइट्स भी लगाई गई हैं, ताकि रात के समय भी पर्यटक इन नज़रों का आनंद ले सकें.
डल झील के किनारे ज़बरवन पहाड़ियों की गौड़ में स्थित 15 हेक्टेयर पर फैले एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन को रविवार को फ्लोरीकल्चर विभाग द्वारा खोल दिया गया. बाग़ के खुलते ही देश के विभिन्न हिस्सों से आए पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय लोगों की भी भीड़ इन ट्यूलिप के फूलों को देखने के लिए उमड़ पड़ी.
मुंबई से आईं नीता ने कहा “उन्हे ट्यूलिप का बाग़ और यह फूल देख कर एक अनोखा अनुभव हुआ है. बेंगलुरु से आए सैयद मसायिद ने कहा “मुझे डर था कि हालात ठीक नहीं हैं. मगर यहाँ आकर दिखा कि सब कुछ ठीक है. जितनी हसीन यह जगह है उतने ही अच्छे यहां के लोग हैं.
एशिया के सबसे बड़े इस ट्यूलिप बाग़ में करीब 51 प्रकार के लाखों ट्यूलिप के फूल केवल 30 दिनों तक खिलें रहेंगे. उम्मीद की जा रही है कि पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का केंद्र बनें और कश्मीर का पर्यटन दोबारा से पटरी पर लोटे. बाग़ को और आकर्षक बनाए रखने के लिए पर्यटन विभाग द्वारा ट्यूलिप फेस्टिवल का आयोजन भी किया गया है, जिसमें रंगारंग सांस्कृतिक कार्येक्रमों के साथ साथ विभिन स्टाल लगाये जाएंगे.
गौरतलब है कि इस ट्यूलिप गार्डन को वर्ष 2008 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा उद्घाटन किया गया था. ट्यूलिप गार्डन को सिराज बाग के नाम से भी जाना जाता है. इस बाग़ में अब तक कई फिल्मों और टीवी सीरियल की शूटिंग भी हो चुकी है.