जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कश्मीरी पंडितों की कश्मीर घाटी में वापसी का संकेत दिया है। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों के लिए सरकार ने बहुत कुछ सोचा है। जल्द ही कुछ ऐसा होने जा रहा है, जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की होगी।
योजनाबद्ध पुनर्वास पर एलजी ने कहा कि सरकार की ओर से छह हजार कश्मीरी पंडितों को नौकरी और इतनी ही संख्या में आवास सुविधा की बात की गई है।
यह पद पूर्व में अधिसूचित किए गए थे, लेकिन किन्हीं कारणों से इस पर अमल नहीं हो पाया। अब सरकार इसमें अंतिम चरण में पहुंच गई है।
पुनर्वास योजना का यह महज छोटा सा अंश है। उन्होंने कहा कि नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ग्रामीणाें की सुरक्षा के लिए आठ हजार बंकर बनाए जा चुके हैं। 1200 और ढांचे आगामी वित्त वर्ष में बनाए जाएंगे।
मनोज सिन्हा ने कहा कि राज्य के युवाओं में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। बस उन्हें दिशा देने और तराशने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बेरोजगारी दूर करने तथा युवाओं को रोजगार देने की दिशा में काम करना शुरू कर दिया है।
2025 तक राज्य में 80 फीसदी बेरोजगारी की समस्या दूर हो जाएगी। इसके लिए रोडमैप तैयार कर लिया गया है। बिहार की आबादी जम्मू-कश्मीर की तुलना में 11 गुना अधिक है। नौकरी के अवसर ना मिलने से युवाओं में हताशा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने इसके लिए कई मोर्चों पर काम शुरू किया है।
सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर नियुक्तियां समयबद्ध तथा पारदर्शी तरीके से हो रही हैं। 13 हजार से अधिक पद लोक सेवा आयोग तथा एसएसबी को भेजे गये हैं जिसके लिए जल्द विज्ञापन जारी होंगे। साथ ही डाक्टरों के रिक्त पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को मंजूरी दी गई है।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि केवल सरकारी नौकरियों से ही बेरोजगारी दूर नहीं होगी। अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार मिले, इसके लिए व्यापक योजना बनाई गई है। जल्द ही नई औद्योगिक नीति आ रही है। उन्होंने कहा कि अगले दो-ढाई साल में प्रदेश में 30 हजार करोड़ रुपये का विभिन्न क्षेत्रों में निवेश होगा।
नए उद्योग लगेंगे तो रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि टाटा ने जम्मू व बारामूला में स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोलने पर सहमति जताई है। हिंदुजा ने दो स्किल डेवलपमेंट व मोटर ट्रेनिंग सेंटर खोलने को मंजूरी दी है। विप्रो कंपनी भी शिक्षा के साथ स्किल डेवलपमेंट में सहयोग करने को तैयार है।