एजेंसी/जमीयत उलेमा-ए-हिंद के राष्ट्रीय एकता सम्मलेन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर जमकर निशाना साधा गया।
सम्मेलन में न पहुंचने पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का लिखित संदेश पढ़ा गया। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने उनका संदेश पढ़ते हुए कहा कि फिरकापरस्त ताकतें मुल्क को तोड़ने में लगी हैं। इसके खिलाफ सभी लोगों को एक साथ आना होगा। कार्यक्रम का आयोजन दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय इंडोर स्टेडियम में किया गया।
आजाद ने कहा कि सोनिया गांधी संसद के अंदर व बाहर लड़ाई लड़ रही हैं। जैसे आप सब बाहर धर्मनिरपेक्षता की लड़ाई लड़ रहे हैं। हम आईएसआईएस (आतंकी संगठन) जैसे संगठनों का उतना ही विरोध करते है जितना आरएसएस का। संघ को ड्रेस कोड नहीं सोच बदलने की जरूरत है।
जेएनयू मामले में कहा गया कि जमीयत अभियक्ति की स्वतंत्रता की लड़ाई में कन्हैया के साथ है। देश के हर संस्थान में असहमति का अधिकार कायम रहना चाहिए।
जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना सैयद अहमद मदनी ने कहा कि जब जेएनयू मामला शुरू हुआ तो हमने अपनी राय नहीं रखी। अपने संगठन में लोगों से कहा कि अगर हम इस मामले में उतरते हैं तो कुछ ताकतें इस पूरे मसले को हिंदू बनाम मुसलमान बना देंगे। अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को हर हाल में कायम रखा जाना चाहिए। मोदी सरकार सबका साथ सबका विकास के वादे से पीछे हट गई है। मुसलमानों, ईसाईयों और दलितों के लिए देश में माहौल खराब होता जा रहा है। सरकार अपनी विकास की नीतियों में अल्पसंख्यकों को कोई जगह नहीं दे रही है।
सोनिया ने किए उर्दू में दस्तखत
आजाद ने बताया कि सम्मेलन के लिए भेजे गए संदेश में सोनिया गांधी ने उर्दू में दस्तखत किए हैं। संदेश में कहा गया है कि जैसे आप सब बाहर सेक्युलरिज्म की लड़ाई लड़ रहे हैं वैसे ही सोनिया गांधी संसद के अंदर यह लड़ाई लड़ रही हैं।
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