पंजाब के अमृतसर में जमीनी विवाद में पंजाब पुलिस के रिटायर्ड इंस्पेक्टर ने तोबड़तोड़ फायरिंग कर दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
पंजाब में जमीनी विवाद को लेकर एक और खूनी संघर्ष की घटना हुई है। बुधवार को पटियाला के राजपुरा में फायरिंग होने से तीन लोगों की मौत हुई थी। वहीं, वीरवार को अमृतसर में भी जमीनी विवाद में गोलियां चलने से दो लोगों की मौत हो गई। यहां पंजाब पुलिस से रिटायर इंस्पेक्टर ने अपने साथियों के साथ मिलकर दनादन फायरिंग कर दी। इस गोलीकांड में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि पांच अन्य जख्मी हो गए।
घटना वीरवार दोपहर थाना लोपोके में पड़ते गांव काकड़ तरीन की है। मृतकों की पहचान गुरप्रीत सिंह और बेअंत सिंह निवासी काकड़ तरीन के रूप में हुई है। जगतार सिंह, बलजीत सिंह, गज्जन सिंह, निर्मल सिंह व मंगल सिंह गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं। सूचना मिलने पर डीएसपी स्पेशल ब्रांच गुरिंदर पाल सिंह नागरा व थाना लोपोके के प्रभारी बलकार सिंह पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। पुलिस ने मुख्य आरोपी इंद्रजीत सिंह सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया है। घटना के बाद से पूरे गांव में दहश्त का माहौल है।
डीएसपी नागरा ने बताया कि इस मामले में पुलिस ने 20 के करीब लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। अन्य आरोपियों को पकड़ने के लिए पुलिस टीमें बनाकर छापेमारी की जा रही है। शुक्रवार को शवों पोस्टमार्टम करवाने के बाद परिवार वालों को सौंप दिए जाएंगे।
मामले में शिकायतकर्ता पंजाब सिंह ने बताया कि लगभग 40 साल पहले गांव की करीब चार कनाल जमीन का बंटवारा गुमानपुरा के रहने वाले मजहबी सिखों के साथ हुआ था। इसके बाद से ही मृतक गुरप्रीत सिंह व उसके परिवार के पास इस जमीन का मालिकाना हक है। वही इस पर खेती भी करते हैं। वीरवार दोपहर को आरोपी 20 से 25 लोगों के साथ पांच गाड़ियों में सवार होकर आए और जमीन पर खेती करने की कोशिश करने लगे। जब उन्हें पता चला तो वे सभी लोग आरोपियों से बात करने के लिए वहां पहुंच गए। हमलावरों ने उनकी एक नहीं सुनी और हाथापाई करने लगे और फिर गोलियां चलानी शुरू कर दी। आरोपियों ने अंधाधुंध गोलियां चलाई। इस दौरान गोली गुरप्रीत सिंह और बेअंत सिंह को लगी और दोनों की मौत हो गई। जबकि पांच अन्य जख्मी हो गई।
आरोपियों को भी गोली से मार देना चाहिए
इस वारदात के बाद जहां पूरे गांव में दहशतहै। मृतकों के परिवार वालों कहना था कि आरोपियों को भी गोली मार देनी चाहिए। बेअंत सिंह के परिवार के सदस्य अमृतपाल सिंह ने बताया कि बेअंत सिंह धान लगाने की मजदूरी करता था और घर पर वही कमाने वाला था। वीरवार को वह केवल चाय लेकर खेतों में गया था। जबकि उनका इस पूरे मामले में किसी से कुछ लेना-देना भी नहीं था।