सरकार जमा बीमा की सीमा बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। अभी यह लिमिट 5 लाख रुपये है। इसका मतलब है कि अगर अभी कोई बैंक डूबता है, तो उसमें पैसा जमा करने वाले ग्राहकों को 5 लाख रुपये तक मिल जाएंगे। हालांकि, मुद्रास्फीति और दूसरे फैक्टर को देखते हुए यह सीमा काफी कम मानी जा रही है। इसे लगातार बढ़ाने की मांग हो रही है।
इस पर वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू का कहना है कि सरकार जमा बीमा की सीमा को मौजूदा के पांच लाख रुपये से बढ़ाने पर सक्रियता से विचार कर रही है। न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक का कथित घोटाला सामने आने के कुछ दिन बाद नागराजू ने कहा कि इस तरह के प्रस्ताव पर काम जारी है।
उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की मौजूदगी में कहा, ‘जैसे ही सरकार मंजूरी देगी, हम इसकी अधिसूचना जारी कर देंगे।’ हालांकि, नागराजू ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के संकट पर कुछ भी टिप्प्णी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले को आरबीआई देख रहा है।
जमा बीमा दावा तब शुरू होता है जब कोई ऋणदाता डूब जाता है। पिछले कुछ वर्षों में निक्षेप बीमा व प्रत्यय गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) ऐसे दावों का भुगतान करता रहा है। यह निकाय अपने द्वारा प्रदान किए जाने वाले ‘कवर’ के लिए बैंकों से प्रीमियम एकत्र करता है और अधिकतर दावे सहकारी ऋणदाताओं के मामले में किए गए हैं। खबरों के अनुसार, न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के 1.3 लाख जमाकर्ताओं में से 90 प्रतिशत की पूरी रकम डीआईसीजीसी के अंतर्गत आएगी।
न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक मामला क्या है?
आरबीआई ने न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के कामकाज में गंभीर खामियां पाई है। उसने बैंक के बोर्ड को एक साल के लिए भंग कर दिया। बैंक के कामकाज को अब आरबीआई का नियुक्त प्रशासक देखेगा। सलाहकारों की एक समिति की भी नियुक्ति की गई है, जो प्रशासक को कामकाज में मदद देगी। आरबीआई ने बैंक के लिए जमा और निकासी पर भी रोक लगा दी है। इसका मतलब है कि आरबीआई का प्रतिबंध हटने तक ग्राहक अपने पैसों को नहीं निकाल पाएंगे।
मुंबई पुलिस ने भी बैंक के महाप्रबंधक और लेखा प्रमुख व उनके सहयोगियों के खिलाफ 122 करोड़ रुपये के गबन का मामला दर्ज किया है। इसकी जांच अब मुंबई पुलिस की अपराध शाखा (EOW) करेगी।
पीएमसी बैंक घोटाले के बाद बढ़ी थी लिमिट
सितंबर 2019 में एक व्हिसल-ब्लोअर की मदद से आरबीआई को पता चला कि PMC बैंक मुंबई के एक रियल इस्टेट डेवलपर को करीब 6500 करोड़ रूपये लोन देने के लिए नकली बैंक खातों का उपयोग कर रहा है। इससे बचने के लिए आरबीआई ने 24 सितंबर 2019 को पैसे निकालने पर कुछ पाबंदियां लगा दी।
इसके बाद जमा की लिमिट बढ़ाने की मांग तेज हुई थी। सरकार ने पीएमसी बैंक घोटाले के बाद 2020 में बीमा सीमा एक लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये कर दी थी।