राज्य सरकार में सात मंत्रियों ने मंत्री पद की शपथ ली। इनमें कोल्हान प्रमंडल से तीन विधायक मंत्रिमंडल में शामिल किए गए। पूर्वी सिंहभूम जिले से कांग्रेस विधायक बन्ना गुप्ता मंत्री बने, जो जमशेदपुर के कदमा इलाके के निवासी हैं। शहर की ट्रैफिक समस्या से विशेषकर मानगो से वाकिफ हैं। मंत्री बनाए गए हैं तो स्वभाविक हैं इस समस्या के निजात की उम्मीद शहरवासियों को बन्ना गुप्ता से होगी।
शहर की ट्रैफिक व्यवस्था की बात करें तो बिना योजना के ही चल रही है। ट्रैफिक पुलिस का कार्य हेलमेट जांच और जाम हटाने तक सीमित है। लोगों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। दरअसल, व्यवस्था में सुधार नहीं होने का कारण आधारभूत संरचना का अभाव होना है। कोई व्यवस्थित योजना नहीं है। यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाना बड़ी चुनौती बन गई है। शहर के सभी मार्ग पर पैदल राहगीर, साइकिल, ठेलानुमा दुकान, टेम्पो, बाइक, मिनी बस चलते हैं। सड़क किनारे ही वाहनों की पार्किंग होती है। जिससे हमेशा जाम की स्थिति रहती है। शहर में पार्किंग, जमीन, परिवहन और ट्रैफिक व्यवस्था की कमान अलग-अलग हाथ में है जिनमें तालमेल का अभाव नजर आता है। कंपनी क्षेत्र में सड़क, पार्किंग और दुकान का जिम्मा जुस्को के जिम्मे हैै। ट्रैफिक नियमों का पालन हो रहा या नहीं। इसकी जिम्मेदारी ट्रैफिक पुलिस पर है।
127 पुलिसकर्मियों के जिम्मे यातायात व्यवस्था
शहर में जिस अनुपात में वाहनों की संख्या में वृद्धि हो रही है उस अनुसार ट्रैफिक नियंत्रण को पुलिसकर्मियों की संख्या काफी कम है। औसतन शहर में चार लाख से अधिक वाहन हैं जिसको 127 पुलिसकर्मी नियंत्रित करते हैं। ट्रैफिक डीएसपी का दो पद है लेकिन एक ही डीएसपी कार्यरत है। भारी वाहनों का आवागमन नो इंट्री समाप्ति के समय होता है। जितने वाहनों का प्रवेश शहर की घनी आबादी क्षेत्र से होता है उतनी ही वाहन शहर से बाहर निकलते है। जुगसलाई ट्रैफिक में 19, मानगो में 22, गोलमुरी में 22, बिष्टुपुर में 25 और साकची में 39 पुलिसकर्मी है। जो शहर के बड़े चौक-चौराहे और ट्रैफिक सिग्नल पर तैनात रहते है। वॉकी-टॉकी और विजिल के सिवाय इनके पास कुछ नहीं है। स्पीडोमीटर समेत अन्य साधन का अभाव है। शहर में जुगसलाई, बिष्टुपुर, साकची और मानगो ट्रैफिक थाना है।