जब सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से विशेषज्ञों को बिहार भेजने का किया अनुरोध तो मिला ये जवाब…

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गंगा में जमा गाद की स्थिति का आकलन करने के लिए शनिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से 10 जून से पहले विशेषज्ञों की एक टीम अपने राज्य में भेजने का अनुरोध किया. गाद जमा होने के चलते इस नदी के प्रवाह पर बुरा असर पड़ रहा है. कुमार ने यहां मोदी के साथ अपनी बैठक के दौरान इस मुद्दे को उठाया. उन्होंने प्रधानमंत्री के समक्ष इस बात पर जोर दिया कि गाद प्रबंधन की कोई नीति बनाने से पहले मुद्दे पर समग्र विचार की जरूरत है.

जब सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से विशेषज्ञों को बिहार भेजने का किया अनुरोध तो मिला ये जवाब...

मुख्यमंत्री ने कहा, “जब मैं यहां (दिल्ली) आ रहा था मैं उन मुद्दों पर जोर देने की सोच रहा था जिनका बिहार सामना कर रहा है. गंगा में गाद जमा होना एक बड़ा मुद्दा है जो नदी पर बुरा असर डाल रहा. यह हमारे लिए बहुत गंभीर मुद्दा है.” उन्होंने कहा कि इस वक्त बाढ़ का खतरा है इसलिए उन्होंने गंगा में गाद की स्थिति का आकलन करने के लिए प्रधानमंत्री से विशेषज्ञों की एक टीम 10 जून से पहले राज्य में भेजने का अनुरोध किया है. विशेषज्ञों को बक्सर से फरक्का के बीच का दौरा कर व्यवहारिक रूप से स्थिति का अवश्य ही आकलन करना चाहिए.

मुख्यमंत्री ने कहा, “और, मैं प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा करता हूं क्योंकि उन्होंने कहा है कि यह तीन जून से पहले किया जाएगा.” जदयू नेता ने कहा कि वह संप्रग शासन के दौरान भी इस सवाल को लगातार उठाते रहे हैं. उन्होंने कहा, “मैंने अंतर्राज्यीय परिषद की बैठक के दौरान भी इसे उठाया था. यह मुद्दा गंभीर होता जा रहा है. गाद पर दो सम्मेलन हुए हैं, एक फरवरी में पटना में हुआ और दूसरा हाल ही में मई में दिल्ली में हुआ था.” उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें दोनों सम्मेलनों के घोषणापत्रों से अवगत कराया और सारे आवश्यक दस्तावेज भी आज सौंपे.” कुमार ने दोहराया कि गाद जमा होने की स्थिति की गंभीरता को बिहार में गंगा का दौरा किए बगैर नहीं समझा जा सकता. उन्होंने कहा कि गाद प्रबंधन का मतलब महज गाद हटाना नहीं है. नदी का मुक्त प्रवाह भी सुनिश्चित करना चाहिए ताकि गाद धारा के साथ बह सके.

कुमार ने कहा, “हमने जहाजरानी एवं परिवहन मंत्रालय के अधिकारियों तथा जल संसाधन मंत्रालय के अधिकारियों से वार्ता की है. और यहां मुख्य सचिव ने भी इस मुद्दे को उठाया.” उन्होंने आगाह किया कि सिर्फ जल मार्ग से परिवहन की खातिर गाद हटाना एक विवेकपूर्ण विचार नहीं है. गाद को धारा के साथ बहना चाहिए. मुख्यमंत्री ने बिहार के लिए विशेष पैकेज और विशेष दर्जा की भी प्रधानमंत्री से मांग की.

 

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