जब तक रहे कोरोना का संक्रमण काल, सिर्फ इमरजेंसी में ही जाएं अस्‍पताल

15 जुलाई के बाद से ही राजधानी समेत आसपास के जनपदों में तेजी से कोरोना संक्रमण की दर बढ़ने लगी है। सितंबर में कोरोना के मामले और भी अधिक संख्या में आने की आशंका है। ऐसे में मरीजों को सामान्य बीमारियों के लिए अस्पतालों की ओपीडी में जाने से परहेज करना चाहिए। सिर्फ बहुत इमरजेंसी होने पर ही अस्पताल जाएं और उस दौरान भी मास्क एवं शारीरिक दूरी का पालन जरूर करें। अन्यथा कोरोना आपको आसानी से अपना शिकार बना सकता है। यह कहना है सिविल अस्पताल के परामर्शदाता डॉ अजय शंकर त्रिपाठी का। इस दौरान उन्होंने बताया कि बारिश का मौसम होने की वजह से मच्छर व जल जनित बीमारियों के होने का खतरा भी बढ़ा है। ऐसे में घरों व आसपास किसी भी कीमत पर पानी को इकट्ठा ना होने दें। कूलर का पानी भी हफ्ते में एक दो बार बदलते रहें। ताकि उसमें मच्छर न पनपने पाएं। अन्यथा डेंगू मलेरिया चिकनगुनिया इत्यादि बीमारियां भी घेर सकती हैं।

पाठकों के कुछ सवाल और उनके जवाब

सवाल- कूलर के पानी को बदलने के बावजूद मच्छर उड़ते रहते हैं। किस प्रकार का खतरा है? राजेश कुमार, अयोध्या

जवाब-कूलर के पानी को हफ्ते में कम से कम दो बार साफ करें। आसपास भी गंदगी नहीं रहने दें। इससे मच्छर नहीं पनप पाएंगे। कूलर के पानी में केरोसिन का तेल, जला हुआ मोबाइल इत्यादि भी डाल सकते हैं। घर की खिड़कियों और दरवाजों में मच्छर की जाली जरूर लगाएं।

सवाल: मेरे गांव में व घर के आसपास बारिश होने से पानी भरा हुआ है। कौन-कौन सी बीमारियां फैल सकती हैं?शारदा अवस्थी, लखीमपुर खीरी

जवाब: इसके लिए आप अपने स्थानीय निकायों से और प्रधान से संपर्क करें और पानी निकासी की व्यवस्था करें। या फिर एंटी लारवा का छिड़काव और फागिंग कराएं। अन्यथा डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया इत्यादि बीमारियां फैल सकती हैं। पानी सड़ने से उठने वाली दुर्गंध से सांस संबंधी बीमारियां हो सकती हैं। इस पानी से होकर आने जाने से त्वचा के रोग भी हो सकते हैं।

सवाल: मुझे दो-तीन माह से भूख नहीं लग रही?विनोद शर्मा, लखनऊ

जवाब- इसके लिए सबसे पहले आप अपनी एलएफटी जांच कराएं। फाइबर और एंजाइम युक्त पाचक वस्तुएं खाएं। गरिष्ठ व तैलीय पदार्थों को लेने से परहेज करें।

सवाल-मेरे गले में चार-पांच दिन से खराश थी। अब बुखार भी हो रहा है?नीरा शाह, आलमबाग लखनऊ

जवाब- अगर आप कहीं बाहर नहीं गई हैं या किसी पॉजिटिव के संपर्क में नहीं आई हैं तो चिंता करने की जरूरत नहीं है। फीवर होने पर पैरासिटामोल लें। अगर इसके बावजूद समस्या बनी रहे तो किसी सरकारी अस्पताल में जाकर कोरोना की जांच कराएं।

सवाल: मैं गांव में रहता हूं। यहां कच्चे घर हैं। मच्छरों से कैसे बचें?अजीत वर्मा, अंबेडकर नगरजवाब: अपने घरों के आसपास पानी का जमाव नहीं होने दें। जमे हुए पानी में केरोसिन का आयल व एंटी लारवा का छिड़काव कराएं। सोते समय मच्छरदानी व मच्छरों की क्वाइल का प्रयोग करें। पूरे बाजू के कपड़े पहनें।

सवाल : मेरी जांघों के आसपास एलर्जी हमेशा बनी रहती है। क्या ओपीडी में जाकर दिखाना चाहिए?इमरान, सीतापुर

जवाब: इसके लिए आप अपने मोबाइल में ई-संजीवनी एप डाउनलोड करें या टेलीमेडिसिन से किसी चर्म रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें। जब तक कोरोना का संक्रमण काल चल रहा है, बहुत इमरजेंसी होने पर ही ओपीडी जाएं। अन्यथा कोरोना संक्रमण के शिकार हो सकते हैं। जब भी अस्पताल जाएं तो शारीरिक दूरी व मास्क का पालन जरूर करें।

सवाल-मुझे पांच-छह दिन से बुखार है। दवा खाने तक ठीक रहता है। अन्यथा फिर चढ़ जाता है। अनूप, बीकेटी, लखनऊ

जवाब: पैरासिटामोल लेने के बाद अगर कई दिनों से बुखार नहीं उतर रहा है तो सीधे अस्पताल की फीवर क्लीनिक में जाकर अपनी जांच कराएं। यह कोरोना के लक्षण हो सकते हैं।

सवाल: मैं कई वर्षों से फाइलेरिया का मरीज हूं। मेरे पैर में सूजन रहती है। अब दवाएं भी खाने की इच्छा नहीं करती। अवधेश प्रताप सिंह, अयोध्या

जवाब: इसके लिए अपने जिला अस्पताल में जाकर किसी अच्छे फिजीशियन को दिखा लें। फाइलेरिया की दवाएं तो फिलहाल आपको लेते रहना होगा। बिना दवा के आराम नहीं मिलेगा।

सवाल: मेरे गांव के आसपास काफी दिनों से जलजमाव है। कोई भी सरकारी तंत्र फागिंग, एंटी लारवा का छिड़काव करने नहीं आता। इसके लिए क्या करें।

जवाब: अगर ऐसा है तो गांव के कुछ लोग इकट्ठे होकर स्थानीय प्रशासनिक अधिकारी से मिलें और उन्हीं के जरिए एंटी लारवा व फागिंग का अनुरोध करें। व्यक्तिगत रूप से घरों के पास की नालियों व अन्य जगहों पर केरोसिन का आयल या डीडीटी का छिड़काव कर सकते हैं।

सवाल: इन दिनों कोरोना का संक्रमण चल रहा है और मच्छर जनित बीमारियों का भी सीजन है। दोनों में फर्क कैसे करें?हरीश चंद्र मौर्य, सुलतानपुर

जवाब: यह बात सही है की कोरोना व मौसमी फ्लू के लक्षण काफी मिलते-जुलते हैं। लेकिन यदि आप किसी पॉजिटिव के संपर्क में नहीं गए हैं तो कोरोना होने की संभावना ना के बराबर है। ऐसी स्थिति में बुखार या खांसी होने पर सामान्य फ्लू ही समझें। ज्यादा दिक्कत होने पर जांच कराएं।

सवाल: मैं 15-20 वर्षों से अचानक कभी-कभी बेहोश हो जाता हूं। लखनऊ में छह वर्षों इलाज कराया।फिर भी ठीक नहीं हो रहा?अनुज कुमार, रायबरेली

जवाब: अगर बेहोशी के दौरान मुंह से झाग भी आता है तो यह दौरे की बीमारी हो सकती है। लोहिया संस्थान, केजीएमयू अथवा पीजीआई में किसी न्यूरोलॉजी के डॉक्टर से परामर्श लें। आपकी समस्या ठीक हो जाएगी।

सवाल: मुझे करीब एक हफ्ते से सोते समय व सुबह उठने में चक्कर आता है?पीसी गौतम, गोमती नगर

जवाब: यह स्पॉन्डलोसिस की समस्या हो सकती है। किसी अच्छे हड्डी रोग विशेषज्ञ को दिखा लें।

 

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