राजद्रोह मामले में आरोपित दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व चेयरमैन जफरुल इस्लाम खान (Delhi Minorities Commission (DMC) Chairman Zafarul Islam Khan) को दिल्ली हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने राजद्रोह मामले में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व प्रमुख जफरुल इस्लाम खान को अग्रिम जमानत दे दी। जफरुल इस्लाम खान पर सोशल मीडिया पर विवादित और देशविरोधी पोस्ट करने को लेकर देशद्रोह का मामला दर्ज है।
जागरण संवाददाता के मुताबिक, दिल्ली हाई कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई के दौरान न्यायाधीश मनोज कुमार ओहरी ने जफरुल खान अग्रिम जमानत दे दी। इससे पहले कोर्ट में दिल्ली पुलिस ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि इसमें आगे जांच के जरूरत नहीं है।
कोर्ट शुक्रवार को अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर के जरिए दायर खान की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उनकी उम्र, स्वास्थ्य जोखिमों और कोरोना संक्रमण के खतरे का हवाला देते हुए राजद्रोह के मामले में अग्रिम जमानत का अनुरोध किया गया था।
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जफरुल इस्लाम ने फेसबुक पर लिखा था कि जिस दिन मुसलमानों ने अरब देशों से अपने खिलाफ जुल्म की शिकायत कर दी, सैलाब आ जाएगा। इस पोस्ट के बाद राजनीतिक बवाल मच गया था, हालांकि बाद में उन्होंने इसके लिए खेद जताया था। जफरुल इस्लाम ने अपनी लंबी फेसबुक पोस्ट में लिखा था कि भारतीय मुस्लिमों के साथ खड़े होने के लिए धन्यवाद कुवैत। हिंदुत्व विचारधारा के लोग सोचते हैं कि कारोबारी हितों की वजह से अरब देश भारत के मुस्लिमों की सुरक्षा की चिंता नहीं करेंगे। वे भूल गए कि भारतीय मुस्लिमों के अरब और मुस्लिम देशों से कैसे रिश्ते हैं। जिस दिन मुसलमानों ने अरब देशों से अपने खिलाफ जुल्म की शिकायत कर दी, सैलाब आ जाएगा। वहीं, विवाद खड़ा होने पर जफरुल इस्लाम ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी देश के खिलाफ जाकर नहीं बोला है। हिंदुत्व का मतलब कुछ लोग भारत से जोड़ रहे हैं। यह गलत है।