फिल्म इंडस्ट्री में दशकों से अपनी खूबसूरती का लोहा मनवाने वाली अभिनेत्री हैं रेखा। रेखा का जन्म 10 अक्टूबर 1954 को हुआ था। रेखा का असली नाम भानुरेखा गणेशन है लेकिन उन्हें उनके स्टेज नाम रेखा से ही पहचान मिली। 70 के दशक में रेखा का खुमार लोगों के सिर चढ़कर इस कदर बोला कि आज तक उतर नहीं पाया है। रेखा से जुड़े यूं तो कई दिलचस्प किस्से हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं फिल्म इंडस्ट्री पर राज करने वाली रेखा कभी फिल्मों में आना ही नहीं चाहती थीं।
इस बारे में रेखा ने ही खुद एक कार्यक्रम के दौरान बताया था। रेखा ने हिंदी सिनेमा को कई सुपरहिट फिल्में दी हैं। रेखा का निजी जीवन और सार्वजनिक जीवन काफी उथल पुथल रहा है। लेकिन उनके जीवन में चल रहे उथल- पुथल का असर कभी भी उनकी फिल्मों में देखने को नहीं मिला। उनका फिल्मी करियर हमेशा ही सफल और बेहतरीन रहा है। वहीं रेखा का दावा है उन्होंने कभी भी किसी के सामने निर्माता या निर्देशक से काम नहीं मांगा।
रेखा एक बार फिल्मकार सुभाष घई के स्कूल ‘विह्सलिंग वुड्स’ के एक कार्यक्रम में शामिल हुई थीं। इस दौरान उ्हें वहां मौजूद छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने अपने फिल्मी करियर को लेकर यहां बात की और बताया कि फिल्मों में आना उकी पहली पसंद कभी भी नहीं थी। रेखा ने कहा, ‘इंडस्ट्री में आना मेरी पसंद नहीं था। बस ये अनायास हो गया। लेकिन अब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं तो लगता है जो हुआ अच्छा हुआ। मैं अपने करियर से भरपूर संतुष्ट हूं।’
आगे रेखा ने ये भी बताया कि उन्होंने कभी कभी भी किसी निर्माता या निर्देशक से काम नहीं मांगा। उन्हें बस अपने आप ही काम मिलता चला गया। रेखा कहती हैं, ‘मैं कभी काम मांगने किसी के पास नहीं गई। किसी निर्माता या निर्देशक से मैंने अपने नाम की सिफारिश नहीं की। इंडस्ट्री में आने के बाद मुझे मेरी पसंद के रोल मिलते चले गए और मैं काम करती चली गई। इसे मैं लोगों का आशीर्वाद मानती हूं।’
रेखा ने 1966 में बतौर बाल कलाकार अपने करियर की शुरुआत की थी। 70 के दशक में ‘मुकद्दर का सिकंदर’, ‘सुहाग’, ‘मिस्टर नटवरलाल’ और ‘खून पसीना’ जैसी फिल्मों में अमिताभ बच्चन के साथ उनकी जोड़ी को खूब पसंद किया गया। रेखा का जादू बड़े पर्दे पर आज भी बरकरार है।