बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के आखिरी दिन गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्णिया की रैली में ऐलान किया कि यह मेरा अंतिम चुनाव है, अंत भला तो सब भला. नीतीश के बयान को लेकर सियासत तेज हो गई है. ऐसे में एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान ने कहा, ‘यह नीतीश की हार की घोषणा है. नीतीश अपने आखिरी चुनाव का ऐलान कर अगर सोच रहे हैं कि अपने आपको एकांतवास में ले जाकर वह जांच से बच जाएंगे तो मैं यह होने नहीं दूंगा.’
चिराग पासवान मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि नीतीश कुमार कभी भी संन्यास लेने की बात नहीं करते, लेकिन उनको शायद पता लग गया कि जनता अब सेवा का मौका नहीं देने वाली. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी से लेकर बाढ़ राहत पैकेज में जितना भ्रष्टाचार किया है, उससे वो बच नहीं पाएंगे. बिहार में तटबंध बनाए जाते हैं, वो महीने भर में ही टूटने लगते हैं. इससे पता चलता है कि किस तरह से बिहार में भ्रष्टाचार हुआ है. ऐसे में हम नीतीश कुमार जांच के बगैर एकांतवास में नहीं बैठ पाएंगे.
युवाओं को रोजगार देने के सवाल पर एलजेपी अध्यक्ष ने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में तेजस्वी यादव और कांग्रेस की भी हिस्सेदारी थी. बीजेपी तो पिछले एक दशक से सरकार में थी, तब 19 लाख लोगों को नौकरी क्यों नहीं दी. इससे पहले आरजेडी की सरकार थी नौकरी तब भी नहीं दी गईं और जेडीयू के साथ सरकार में रहते हुए भी तेजस्वी यादव ने युवाओं को रोजगार क्यों नहीं दिया.
चिराग पासवान ने कहा कि बिहार चुनाव ऐसे समय में हुए हैं कि पापा (रामविलास पासवान) को भी ढंग से याद नहीं कर पाए. साथ ही उन्होंने कहा कि राजनीतिक तौर पर पापा इतना तैयार कर गए हैं कि हर परिस्थिति का सामना कर सकूं. पिता के निधन के बाद ऐसे हालत बन गए थे कि कोई भी चुनाव के लिए तैयार नहीं होता. बिहार चुनाव सिर पर था और मेरे पास सिर्फ दो ही रास्ते थे, या तो मैं हाथ खड़े कर देता या फिर पिता के आखिरी सपने बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट को पूरा करता. इस दौरान मेरे ऊपर व्यक्तिगत प्रहार किए गए, लेकिन हम पीछे नहीं हटे.
एनएडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने के सवाल पर चिराग पासवान ने कहा कि हमारे अंदर इतनी हिम्मत तो थी कि अकेले चुनावी रणभूमि में उतरा हूं. 38 साल की उम्र में अकेले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देने का काम किया जबकि बाकी लोग किसी न किसी के सहारे चुनावी मैदान में उतरे हैं.