जंजीरों में जकड़े छोटे ‘फौजी’ को मिली मुक्ति, पहेली बना तरनतारन का युवक

क्षेत्र के गांव पंजवड़ खुर्द का एक युवक अजीब पहेली बन गया है। हालात यह है कि माता-पिता उसे जंजीर से बांध कर रखने को मजबूर हैं। वह कुछ देर शांत रहता है फिर बोल उठाता है, मैं फौजी हूं, मेरी बंदूक लाआे, ड्यूटी पर जाना है। उसे कभी खुला छोड़ दिया जाता है तो वह मौजूद लोगों को गालियां देने लगता है और र्इंट व पत्‍थरों से हमला कर देता है। दरअसल, उसे बचपन में सिर में चोट लग गई थी और परिजनों की गरीबी के कारण उसका सही से इलाज नहीं हो पाया। अब जागरण की पहल पर उसे बुधवार को जंजीरों से मुक्ति मिली। उसे प्रशासन ने इलाज के लिए अस्‍पताल मे भर्ती कराया है।

खुला छोड़ते ही हो जाता है हमलावर, दुखी माता-पिता जंजीर से बांध कर रखते हैं

माता-पिता उसकी हालत से बेहद दुखी हैं, लेकिन गरीबी ने उनको बेटे का यह दर्द सहने को विवश हैं। मां की तमन्‍ना है कि बेटे के सिर सेहरा बंधे, उसे जंजीरों में बांधने को मजबूर है। परिवार ने इलाज करवाया लेकिन बेटा ठीक नहीं हो पाया और दो लाख रुपये कर्ज चढ़ गया। तरनतारन के गांव पंजवड़ खुर्द के 18 साल के सतनाम सिंह सत्ता को इस हाल में जो भी देखता है मर्माहत हो जाता है।

सतनाम थोड़ी देर चुप रहता है और फिर बोलने लगता है, ‘मैं फौजी हां, मेरी बंदूक लिआओ….मैं ड्यूटी ते जाना ए।’ कभी-कभी तो वह सामने वाले को गालियां देता हुआ पत्थरों से हमला भी कर देता है। तरनतारन के गांव पंजवड़ खुर्द निवासी दविंदर सिंह का बेटा सतनाम सिंह सत्ता छह वर्ष का था तो अचानक गिर कर चोटिल हो गया। परिवार ने उसका इलाज करवाया गया पर वह ठीक नहीं हुआ।

सिर पर लगी चोट के कारण सत्ता का दिमाग उम्र के मुताबिक विकसित नहीं हो पाया और वह इधर-उधर की बाते करने लगा। कई बार वह खुद को सैनिक कहता हुआ सीमा पर जाकर ड्यूटी देने की बात करता है तो कभी कुछ और। आर्थिक तंगी के कारण इलाज के लिए परिवार को कर्ज लेना पड़ा। दो लाख का कर्ज हो गया पर सत्ता ठीक नहीं हो पाया।

सत्ता की मां मनजीत कौर ने बताया कि कई बार सतनाम पागलों जैसी हरकतें करता है। सामने वाले पर गाली-गलौज कर पत्थर बरसाने लगता है। आलम यह है कि खुद को सत्ता से बचाने के लिए परिवार ने सत्ता को जंजीरों से बांध दिया। सत्ता के पिता दविंदर सिंह का कहना है कि जिगर के टुकड़े को नहीं बांधना चाहता, बल्कि उसके माथे पर शगुनों का सेहरा देखना चाहता हूं।

जंजीरों से जकडऩा ठीक नहीं : डॉ. राणा

मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. राणा रणबीर सिंह कहते है कि दिमाग में लगी चोट का सही ढंग से इलाज न होने पर दिमागी तौर पर कमजोरी आ सकती है। ऐसे में जंजीरों से जकडऩा ठीक नहीं। बच्चे का इलाज जरूरी है।

प्रशासन ने दिलाई जंजीरों से मुक्ति, अब होगा उपचार

जागरण की पहल के बाद युवक को प्रशासन ने जंजीर से मुक्ति दिलाई। डीसी प्रदीप सभ्रवाल ने एसएमओ झब्बाल डॉ. करनवीर कुमार, नायब तहसीलदार अशोक कुमार, कानूनगो जसबीर सिंह, पटवारी प्रभजोत सिंह, ब्लॉक एजुकेटर हरदीप सिंह और थाना झब्बाल के प्रभारी मनोज कुमार पर आधारित टीम का गठन किया। टीम ने गांव पंजवड़ खुर्द पहुंच कर परिवार से जानकारी ली और सतनाम सिंह सत्ता को जंजीरों से मुक्त करवा झब्बाल अस्पताल में दाखिल करवाया।

नायब तहसीलदार अशोक कुमार ने युवक के परिवार को आर्थिक मदद के तौर पर अपनी ओर से चार हजार रुपये दिए। उन्होंने बताया कि सतनाम का मेडिकल करवा कर उसकी रिपोर्ट ली जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर इलाज करवाया जाएगा।

हलका विधायक डॉ. धर्मबीर अग्निहोत्री कहते हैं कि जागरण ने इस मामले को अच्छी तरह से उठाया। इसके बाद प्रशासन अपनी जिम्मेदारी निभाने लगा है। उन्होंने कहा कि सतनाम सिंह का इलाज करवाने के लिए सिविल सर्जन तरनतारन को आदेश दिए गए हैं। साथ ही, मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. राणा रणबीर सिंह से रिपोर्ट मांगी गई है, ताकि पता चल सके कि युवक किस बीमारी से पीडि़त है।

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