खेल कुल मिलाकर तंदुरुस्ती, कड़ी मेहनत और निपुणता हासिल करने की कला है. जी हां, हम बात कर रहे हैं क्रिकेट में एक नया रिकॉर्ड बनाने वाले खिलाड़ी यशस्वी जायसवाल की. उन्होंने 50 ओवर के एक दिवसीय क्रिकेट में सबसे कम उम्र में दोहरा शतक लगाकर दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ी एलन बरो का रिकॉर्ड तोड़ा है.
यशस्वी जायसवाल ने कड़ी चुनौतियों के बीच अपना ध्यान सिर्फ खेल में प्रैक्टिस पर लगाया. जिन मुसीबतों और चुनौतियों के बीच उन्होंने सफलता हासिल की वह कम ही लोग कर पाते हैं.
वह 11 साल की उम्र में क्रिकेट खेलने के लिए मुंबई गए थे. वह उत्तर प्रदेश के भदोही के रहने वाले हैं. जायसवाल एक डेयरी फॉर्म में रहते थे. वह तीन साल तक अपने चाचा के साथ एक छोटे से कमरे में रहे.
उन्होंने छोटी सी उम्र में कई चुनौतियों का सामना किया. कभी उनके पास न तो खाने के लिए कुछ होता था और न ही रहने के लिए ठीकठाक घर. उन्होंने अपनी जरूरतों को पूरा करने और पेट की आग बुझाने के लिए गोलगप्पे बेचे और बॉल बॉय के रूप में काम किया.
इस परेशानियों के बीच खास बात यह रही कि जायसवाल ने कभी सपना देखना नहीं छोड़ा. इन मुसीबतों के बीच वह हमेशा मुस्कुराते रहे और मुंबई के आजाद मैदान में हमेशा अपना ध्यान क्रिकेट पर लगाए रखा, जहां उनके कोच ज्वाला सिंह की नजर उन पर गई. ज्वाला सिंह उनके खेल के प्रति लगाव, कड़ी मेहनत और लगन से प्रभावित हुए और उन्हें कोचिंग के लिए चुना.
कड़ी मेहनत और लाजवाब तकनीक की बदौलत उनका चयन श्रीलंका जाने वाली अंडर-19 क्रिकेट टीम में हो गया. वे एशिया कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बने और उनका चयन रणजी ट्रॉफी में भी हो गया.
मशहूर दोहरे शतक से पहले जायसवाल ने विजय हजारे ट्रॉफी में शानदार प्रदर्शन किया था. इसमें उन्होंने चार मैचों में दो दोहरे शतक लगाए. अब आईपीएल में चयन के कारण वे सुर्खियों में हैं.
नीलामी में मुंबई इंडियंस, किंग्स इलेवन पंजाब, कोलकाता नाइट राइडर्स और राजस्थान रॉयल्स के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें 2.4 करोड़ में खरीदा.
उनकी यह प्रेरणादायक सफलता हमेशा आशावादी रहने की मिसाल है. इस कहानी से आप यह सीख सकते हैं कि कैसे लाख मुसीबतों के बीच हमेशा मुस्कुराते हुए उनका सामना करना चाहिए.