Inspire Award Scheme जिन लोगों के पैरों में तकलीफ होती है या जो पैरों से विकलांग होते हैं, उसके लिए साइकिल चलाना आसान नहीं होता है। झाबुआ जिले के खरडूगड़ी गांव के हाई स्कूल के कक्षा 10वीं के छात्र मनिल प्रताप ने ऐसे लोगों के लिए विशेष साइकिल बनाई है। इसमें ट्रायसिकल और आरा मशीन के इंजन का उपयोग किया गया है। इससे विकलांग चालक को पैडल मारकर चलाने की जरूरत नहीं होगी। मनिल की यह साइकिल शासकीय उत्कृष्ट बाल विनय मंदिर स्कूल में सोमवार से शुरू इंस्पायर अवार्ड प्रतियोगिता में आकर्षण का केंद्र रही। केंद्र सरकार द्वारा आयोजित संभाग स्तरीय इस प्रतियोगिता में 8 जिलों के चयनित 159 में से 138 छात्रों ने अपने विज्ञान मॉडल प्रदर्शित किए।
सोमवार को प्रथम चरण का और मंगलवार को अंतिम चरण का मूल्यांकन होगा इसके बाद परिणाम घोषित होगा। मनिल ने बताया कि उसके गांव में विकलांगों को देखकर उनके लिए ऐसी साइकिल बनाने का विचार आया। शिक्षक विनोद कुमार चौहान ने पूछा कि तो मनिल ने कागज पर चित्र बनाकर दिखाया। तीन पहिया साइकिल में प्रयोग सफल रहने पर दो पहिए की साइकिल में इसे अपनाया। विकलांगों की सुविधा के लिए इसमें पिछले पहिए के साथ दो छोटे पहिए भी जोड़ने का विकल्प है।
बुजुर्गों की मदद के लिए बनाया मल्टीपरपज वॉकर
शासकीय हाई स्कूल मालवीय नगर में कक्षा नौवीं की छात्रा उर्मिला कदम्ब ने बुजुर्गों को वॉकर लेकर चलने के दौरान आने वाली परेशानियों को देखा तो उन्हें मल्टीपरपज वॉकर बनाने का विचार आया। इसमें छात्रा ने पहिए लगाए हैं जो बटन से ऑपरेट होते हैं। उसे उठाकर चलने की जरूरत नहीं होगी। इसमें लाइट, अलार्म की व्यवस्था भी की गई है। इससे अंधेरे में भी चलना सुविधाजनक होगा। खतरा होने पर अलार्म बटन दबाया जा सकेगा। जरूरत पड़ने पर इसे कुर्सी के रूप में भी उपयोग किया जा सकता है। इतना ही नहीं, इस वॉकर में छाता भी लगा है, जिससे बारिश व धूप में वॉकर चलाने वाले को राहत मिलेगी। वॉकर में एक टोकरी भी लगाई गई जिसमें बुजुर्ग अपने खाने-पीने व जरूरत का सामान भी रख सकेंगे। अहमदाबाद से नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन की रिसर्च एसोसिएशट श्रुति गुरुबग्छानी, शासकीय भेरूलाल पाटीदार महाविद्यालय महू की प्रो. रंजना वर्मा, हायर सेकंडरी स्कूल सिरपुर की प्राचार्य रचना दुबे ने प्रतियोगिता में आए मॉडलों का निरीक्षण किया।
आपात स्थिति में महिलाओं की मदद के लिए बनाया खास बैग
कोदरिया (महू) के श्री एकेडमी की कक्षा 7वीं की छात्रा वंशिका पाटीदार ने ऐसा पर्स तैयार किया जो न सिर्फ सामान रखने के काम आएगा बल्कि सुरक्षा भी करेगा। यदि कोई व्यक्ति परेशान करे तो महिला इस पर्स से उसे 9 वॉट का झटका भी दे सकेगी। पर्स में ऐसी डिवाइस भी लगाई है जिससे आपात स्थिति में बटन दबाने पर महिला के परिचित को अलर्ट मैसेज पहुंच जाएगा।
डस्टबिन के बाहर कचरा होने पर बजेगा अलार्म
इंदौर के बद्री हायर सेकंडरी स्कूल की कक्षा 9वीं की छात्रा असमा सीहोरवाला ने ऐसा अलार्म बनाया है जो डस्टबीन के बाहर 1 मीटर के दायरे में कचरा होने पर बज उठेगा।
नदी के कचरे की होगी सफाई
अहिल्याश्रम स्कूल की कक्षा 10वीं की छात्रा अंशिका श्रीवास्तव ने एक्वा गारबेज कलेक्टर बनाया है। इससे नदियों में फैले कचरे की सफाई में आसानी होगी।
बोरवेल में गिरे बच्चे की लोकेशन बताएगी मशीन
कसरदावद (खरगोन) के हायर सेकंडरी स्कूल गोरावा के छात्र गौतम प्रजापत ने ऐसा मॉडल बनाया है जिसमें बोरवेल में गिरे बच्चे की लोकेशन पता चल सकेगी।
हेलमेट पहने बिना चालू नहीं होगी बाइक
शासकीय हाई स्कूल हतुनिया (सांवेर) के 10वीं के छात्र विश्वास कैरव ने ऐसी डिवाइस बनाई जिसमें कोई भी बाइक व स्कूटी चालक बिना हेलेमेट पहने गाड़ी चालू नहीं कर सकेगा।
दृष्टिबाधित को राह दिखाएगा चश्मा
खंडवा के सेंट जोसफ स्कूल के छात्र ने दृष्टिबाधितों के लिए ऐसा चश्मा बनाया है कि जिसको पहनकर चलने पर वो किसी से नहीं टकराएंगे। चश्मे में लगी डिवाइस उन्हें रास्ते में आने वाली बाधा का संकेत देगी।
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