छात्रों के लिए महावरदान है ये चमत्कारी मंत्र का एक बार आप भी करके देखे जप…

भावार्थ:- हम अन्तःकरण में उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को धारण करें। वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर प्रेरित करे।

गायत्री मंत्र का महत्व
गायत्री मंत्र का जप विद्यार्थी जीवन में सफलता की सबसे बड़ी कुंजी है। कंपटीशन के इस युग में छात्र-छात्राएं अक्सर तनाव में रहते हैं और इस तनाव में कई बार वे गलत कदम भी उठा लेते हैं। ऐसे में छात्रों को गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए, जिससे न केवल उनका मन पढ़ाई के प्रति लगेगा बल्कि उनका तनाव भी इससे दूर भागेगा।

गायत्री मंत्र का सात बार जाप करने से सारी चिंताएं दूर हो जाती हैं। आसपास की नकारात्मक शक्ति भी दूर हो जाती हैं। हमारे ऋषि मुनियों ने गायत्री मंत्र को कामना पूर्ण करने वाला मंत्र बताया है। लेकिन इस मंत्र को विधिपूर्वक जपना चाहिए।

गायत्री मंत्र जपने की विधिसूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान ध्यान कर साफ कपड़े पहनें।

पूजा स्थल पर आसन बिछाकर बैठें।

तांबे के पात्र में गंगाजल लेकर बैठें।

अब घी का दीया जलाएं।

रुद्राक्ष की माला लेकर मंत्र का जप १०८ बार करें।

मंत्र समाप्त होने पर गंगाजल घर पर छिड़कें

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com