छत्तीसगढ़ सरकार ने सीएए में किए गए संशोधन को वापस लेने केंद्र सरकार से आग्रह किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में गुरुवार को सीएम हाउस में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में इसका प्रस्ताव पारित किया गया है। इस फैसले की जानकारी देते हुए वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि कैबिनेट की मंशा के अनुरूप मुख्यमंत्री ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। इसमें कानून में किए गए संसोधन का देश भर में हो रहे विरोध का भी उल्लेख किया गया है।
मंत्री ने यह भी बताया कि राज्य विधानसभा की आगामी बैठक में यह प्रस्ताव लाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने पीएम को लिखे पत्र में कानून को संविधान की भावना के विपरीत बताया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज निवास कार्यालय में मंत्रिपरिषद की बैठक आयोजित हुई। बैठक में ये महत्वपूर्ण फैसले लिए गए –
– नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 (सी.ए.ए.) में किए गए संशोधन को आम जनता में देखे जा रहे विरोध के दृष्टिगत, वापस लिए जाने का अनुरोध भारत सरकार से करने का निर्णय लिया गया।
– छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी (संशोधन) अध्यादेश, 2020 के प्रारूप का अनुमोदन किया गया। जिसके तहत
‘‘कोई भी सोसायटी, किसी भी सरकार के उपक्रम सहकारी सोसायटी या राज्य सरकार द्वारा अनुमोदित किसी उपक्रम या निजी उपक्रम के साथ, किसी विशेष कारबार के लिए जिसमें औद्योगिक विनिधान, वित्तीय सहायता या विपणन और प्रबंधन विशेषज्ञता शामिल है, सहयोग कर सकेगी।
– कोई भी सहकारी सोसाइटी साधारण सभा के उपस्थित तथा मतदान करने वाले सदस्यों के साधारण बहुमत से, उसके साधारण सम्मिलन में पारित संकल्प द्वारा ऐसा सहयोग कर सकेगी। सहकारी सोयाइटी को ऐसा सहयोग करने के पूर्व प्रत्येक मामले में राज्य सरकार की पूर्व अनुमति अनिवार्य है।
– किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान का 2500/-प्रति क्विंटल की दर से भुगतान सुनिश्चित करने के लिए अनुशंसा करने हेतु मंत्रिमण्डलीय उप-समिति के गठन का आदेश जारी किया गया है। जिसका बैठक में अनुसमर्थन किया गया।
– राज्य में वर्तमान में वास्तविक सिंचाई क्षमता 10.38 लाख हेक्टेयर है, जोकि कुल कृषि योग्य भूमि का 18 प्रतिशत है। राज्य में सिंचाई के त्वरित विकास हेतु छत्तीसगढ़ अधोसंरचना विकास निगम को छत्तीसगढ़ सिंचाई विकास निगम में परिवर्तित किए जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। छत्तीसगढ़ अद्योसंरचना विकास निगम में कार्यरत अमले को जहां प्रतिनियुक्ति पर है, उन्हें वहीं पर यथावत रखने का निर्णय लिया गया। छत्तीसगढ़ सिंचाई विकास निगम का गठन अधिसूचना के दिनांक से प्रभावशील होगी।
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