यु तो हर धर्म अपनी खासियत लिए होता है। और हर धर्म का अपना ही एक अलग मतलब। चाहे हिन्दू हो, या मुसलमान, सिख या ईसाई हर कोई अपने धर्म से जुडी पवित्र चीज़ो को होने जीवन मे अहमियत देता है। हर धर्म की अपने रहस्य होते है जिन्हे जानना हर कोई चाहता है। हिन्दू धर्म से जुड़े हर पहलु के बारे मे हर कोई जानता है लेकिन क्या आप मुस्लिम धर्म से जुड़े मक्का मदीना के रहस्य के बारे मे जानते है। यहाँ पर हम आज इसी बारे मे जानेगे। तो आइये जानते है मक्का के रहस्य के बारे मे ………
मक्का मे हज करने हर के मुसलमान आते है। यह उनका पवित्र स्थान है जहा वे अपना हज पूरा करने के लिए आते है। कहा जाता है की यह स्थान मुहम्मद का जन्मस्थान और क़ुरान की पहली आकाशवाणी का स्थान भी है (यहाँ मक्का से 3 किलोमीटर की दुरी पर एक विशेष गुफा भी है)। इस्लाम धर्म में मक्का को सबसे पवित्र शहर माना जाता है। मक्का में इस्लाम धर्म के लोग इसे काबा का घर भी मानते है। मक्का पर लंबे समय तक मुहम्मद के वंशजो ने शासन किया है। जिनमे शरीफ भी शामिल है, जो स्वतंत्र रूप से शासन करते थे। मक्का का निर्माण 1925 में इब्न सौद ने किया था। आकार और आकृति को देखते हुए मक्का एक बेहतरीन और खूबसूरत ईमारत है। इस पवित्र स्थान की कुछ खास जगह जहा जाना हर मुसलमान चाहता है……..
1. काबा
यहाँ पत्थरों से निर्मित एक विशाल मस्जिद है, जिसके मध्य में ग्रेनाइट पत्थर से बना आयताकार काबा स्थित है, जो 40 फुट लंबा तथा 33 फुट चौड़ा है। इसमें कोई खिड़की नहीं है, बल्कि एक दरवाज़ा है। काबा के पूर्वी कोने में ज़मीन से लगभग पाँच फुट की ऊँचाई पर पवित्र काला पत्थर स्थित है। मुस्लिम यात्री यहाँ आकर काबा के सात चक्कर लगाते हैं उसके बाद इसे चूँमते हैं।
2. पैगम्बर की जन्मभूमि
यहाँ मुहम्मद साहब ने 570 ई. पू. में जन्म लिया था। फिर मक्कावासियों से झगड़ा हो जाने के कारण मुहम्मद साहब 622 ईसवी में मक्का छोड़कर मदीना चले गए थे। अरबी भाषा में सफर करना “हिजरत” कहलाता है यही से सवंत हिजरी की शुरुआत हुई थी।
3. पवित्र कुंआ
यह मस्जिद के समीप ही ‘जम-जम’ का पवित्र कुआँ है। पैगम्बर मुहम्मद साहब ने शिष्यों को अपने पापों से मुक्ति पाने के लिये जीवन में कम से कम एक बार मक्का आना आवश्यक बताया था।इसके कुछ मील तक चारों ओर के क्षेत्र को पवित्र माना जाता है, अत: इस क्षेत्र में कोई युद्ध नहीं हो सकता और न ही कोई पेड़-पौधा काटा जा सकता है।
4. मस्जिद अल हरम
मक्का में ‘मस्जिद-अल-हरम’ नाम से एक विख्यात मस्जिद है। इस प्राचीन मस्जिद के चारों ओर पुरातात्विक महत्व के खंभे हैं।इस्लामी बुद्धिजीवियों में से अनेक लोगों का यह मत है कि इसी के पास से पैगम्बर साहब ‘बुरर्क’ (पंख वाले घोड़े) पर सवार होकर ईश्वर का साक्षात् करने के लिए स्वर्ग पधारे थे। बताया जाता है कि ‘मस्जिद-अल-हरम’ 356 हज़ार 800 वर्ग मीटर में फैली हुई है।