आज कल के मिलावट के दौर से कोई भी नहीं बच पाया है. यहाँ तक की चॉकलेट में भी मिलावट के आसार नजर आये है. ऐसे में उपभोक्ताओं को सावधानी रखना बहुत जरुरी है. अगली बार जब आप किसी स्टोर से चॉकलेट खरीदें, तो ध्यान दे कि पैक के ऊपर ‘चॉकलेट’ लिखा है अथवा नहीं. अगर नहीं लिखा है तो उसे नहीं खरीदे, हो सकता है जिस चीज़ को आप चॉकलेट समझकर मजे से खा रहे हो , वास्तव में वह चॉकलेट हो ही न. मार्केट में बहुत सारे ऐसे ब्रांड हैं, जो वेजिटेबल आयल का अधिक मात्रा में प्रयोग कर चॉकलेट बनाते है.
पूरी दुनिया में तय मानकों के अनुसार, चॉकलेट में वेज फैट की मात्रा 5 फीसदी से अधिक नहीं होनी चाहिए, मगर कंपनियां इससे कहीं अधिक मात्रा में वेज आयल का प्रयोग करती है. ये प्रोडक्ट्स पैकिंग इस तरह से करते है कि देखने में चॉकलेट ही लगे. लेकिन उसके ऊपर कही भी चॉकलेट नहीं लिखकर उपभोक्ताओं को बेवकूफ बनाया जाता है. मगर लोग इन्हें चॉकलेट समझकर ही खाते है.
दरअसल देश के फूड रेग्युलेटर FSSAI की शर्तो के अनुसार चॉकलेट में वेज फैट का सिमित मात्र से अधिक प्रयोग नहीं किया जा सकता. खाने-पीने की चीज़ों के लिए इंटरनैशनल स्टैंडर्ड CODEX पांच फीसदी का मानक स्तर सेट किया है. FSSAI के मानकों के मुताबिक चॉकलेट में सिर्फ कोको से निकाला गया कॉन्टेंट, मिल्क सॉलिड और मिल्क फैट का ही प्रयोग किया जाना चाहिए. इसमें कोको बटर के अलावा और कोई वेज फैट नहीं डाला जा सकता है. कानूनी तौर पर यह गलत है.
सरकारी एजेंसियां को इस बात ने आश्चर्य में डाल दिया की भारत में बेची जा रहीं बहुत सारी चॉकलेट्स में 20 फीसदी तक वेजिटेबल फैट है. एक पॉप्युलर विदेशी ब्रांड में भी 5 फीसदी से अधिक मात्रा में वेज फैट पाया गया. एक सरकारी सूत्र ने कहा, ‘ये कंपनियां बचने का रास्ता निकाल रही हैं. वे अपने प्रॉडक्ट्स को चॉकलेट नाम ही नहीं देती है. 2008 में भारत हुई स्वतंत्र जांच में भी शुगर और वेज फैट आयल अधिक मात्रा में पाया गया था.
FSSAI ने नियमो का उलंघन करने वालो के लिए एक पैनल का गठन किया है. यह पैनल मिठाइयों और शहद वगैरह की जांच परख का काम करेगा. FSSAI के सीईओ युद्धवीर सिंह मलिक ने कहा, ‘साइंटिफिक पैनल इस तरह के प्रॉडक्ट्स के लिए बने नियमों की जांच करेगा और एक मानक स्तर भी निर्मित करेगा. अगले 7 से 10 दिनों में पेनल के गठन का काम पूर्ण हो जाएगा.
यही नहीं, FSSAI और कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री उपभोक्ताओं को जागृत करने के लिए ‘जागो ग्राहक जागो’ अभियान भी सक्रिय करने की सोच रही है. इससे लोगों को जानकरी दी जायेगी की चॉकलेट खरीदने से पहले लेबल जरूर पढ़े. एक जागरूक उपभोक्ता बनकर सामन ख़रीदे.