पोलिंग पार्टियों की रवानगी के साथ ही पीठासीन अधिकारियों की निगरानी शुरू हो जाएगी। यह निगरानी एलटीएस एप के ट्रैकिंग सिस्टम से की जाएगी, जो जीपीएस के माध्यम से अधिकारियों की लोकेशन की पल-पल की जानकारी देगा। मतदान समाप्त होने से वापसी तक अधिकारियों को निगरानी में रखा जाएगा और इसके लिए 11 सदस्यीय टीम का गठन भी कर दिया गया है।
जिला निर्वाचन अधिकारी/जिलाधिकारी एसए मुरुगेशन ने ट्रैकिंग के इस काम को अति गोपनीय की श्रेणी में रखा है। यही कारण है कि ट्रैकिंग टीम के नामों को भी सार्वजनिक नहीं किया जा रहा है। हालांकि, इतना जरूर बताया गया है कि जिला सूचना विज्ञान अधिकारी कार्यालय की देखरेख में ट्रैकिंग के काम को अंजाम दिया जाएगा और इसमें एक नोडल अधिकारी और एक सहायक नोडल अधिकारी भी नामित किए गए हैं। जो सदस्यों के सहयोग से 24 घंटे संबंधित अधिकारियों की लोकेशन पर नजर रखेंगे।
ट्रैकिंग के काम को अंजाम देने के लिए पीठासीन अधिकारी बनाए गए कार्मिकों के एंड्रॉइड मोबाइल पर एलटीएस एप को इंस्टॉल करने के आदेश दे दिए गए हैं। इसके लिए सभी पीठासीन अधिकारियों की मास्टर एक्सेल डाटाशीट भी तैयार कर ली गई है।
जैसे ही महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज से पोलिंग पार्टियां ईवीएम व वीवीपैट को लेकर रवाना होंगी, ट्रैकिंग सिस्टम को शुरू कर दिया जाएगा। हर एक पार्टी के पोलिंग बूथ तक पहुंचने के लिए दूरी के हिसाब से समय तय किया गया है। देखा जाएगा कि कितनी टीमें तय समय में पहुंची और विलंब किया गया तो उसका कारण भी तलब किया जाएगा। मतदान के बाद मशीनों को लेकर वापसी तक की स्थिति का भी आकलन किया जाएगा।
जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट पर भी निगाहें
जीपीएस आधारित इस ट्रैकिंग सिस्टम से लोकसभा चुनाव के लिए विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में तैनात किए गए जोनल व सेक्टर मजिस्ट्रेट के मूवमेंट पर भी नजर रखी जाएगी। इससे यह स्पष्ट हो पाएगा कि मतदान की चाक चौबंद व्यवस्था के लिए संबंधित अधिकारी क्षेत्र में कितने सक्रिय होकर काम कर रहे हैं।