चुनाव डिबेट में बरसे ट्रंप, कैपिटल हिल मामले में बोल गए झूठ

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव की पहली आम चुनाव बहस शुरू हो गई है। बहस में एक नया रिकॉर्ड भी बना है। इससे पहले कभी भी इतनी अधिक उम्र में व्हाइट हाउस के दो दावेदार आमने-सामने नहीं हुए हैं। बहस के पहले आधे घंटे में जो बाडन ने बेतुके उत्तर दिए जो कभी-कभी अपनी नीतियों और रिकॉर्ड का बचाव करते समय रुक जाते थे।

अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव 2024 के चुनावी मौसम की पहली आम चुनाव बहस (US Presidential Debate) अटलांटा में शुरू हुई। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और उनके रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी डोनाल्ड ट्रंप आमने-सामने थे। इस बहस में एक नया रिकॉर्ड भी बना है।

दरअसल,  इससे पहले कभी भी इतनी अधिक उम्र में व्हाइट हाउस के दो दावेदार आमने-सामने नहीं हुए हैं।

डिबेट में क्या-क्या हुआ

  • बहस के दौरान ट्रंप से होस्ट जेक टैपर ने 6 जनवरी 2021 यू.एस. कैपिटल हिल मामले पर सवाल पूछा। 
  • ट्रंप से पूछा गया कि क्या उन्होंने संविधान की रक्षा और बचाव के लिए अपनी शपथ का उल्लंघन किया है। इस पर ट्रम्प ने तुरंत आव्रजन और करों पर ध्यान केंद्रित किया। हालांकि, इसके बाद ट्रंप ने कहा कि उन्होंने लोगों को “शांतिपूर्ण और देशभक्तिपूर्ण” तरीके से काम करने के लिए प्रोत्साहित किया। 
  • बहस के पहले आधे घंटे में जो बाडन ने बेतुके उत्तर दिए जो कभी-कभी अपनी नीतियों और रिकॉर्ड का बचाव करते समय रुक जाते थे।
  • वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने गिरती अर्थव्यवस्था, गर्भपात और नाटो सदस्यों के रक्षा खर्च का मुद्दा उठाया। इसी के साथ उन्होंने कैपिटल हिल पर कई झूठे जवाब दिए। 
  • दोनों ने गहरे व्यक्तिगत हमले भी किए हैं।
  • बाइडन ने ट्रंप की नाटो टिप्पणियों पर पलटवार किया और कहा कि वे यूरोपीय सहयोगियों को रक्षा में अधिक धन लगाने के लिए प्रेरित कर रहे थे। बाडन ने कहा कि यह एक ऐसा व्यक्ति है जो नाटो से बाहर निकलना चाहता है।

नाटो को लेकर बाइडन का ट्रंप पर पलटवार

बाइडन ने ट्रंप की नाटो टिप्पणियों पर जोरदार तरीके से जवाब देते हुए कहा कि उन्हें पता नहीं है कि वे किस बारे में बात कर रहे हैं। फरवरी में किए गए AP-NORC पोल के अनुसार, लगभग 10 में से 6 अमेरिकी नाटो सदस्यता को अमेरिका के लिए बहुत या कुछ हद तक अच्छी बात मानते हैं, जबकि लगभग एक-चौथाई का कहना है कि यह न तो अच्छा है और न ही बुरा और केवल 10 में से लगभग 1 का कहना है कि यह बहुत या कुछ हद तक बुरा है।

तो नहीं होता रूस-यूक्रेन वार…

ट्रम्प ने इस दौरान दावा किया कि उनके राष्ट्रपति रहते हुए यूक्रेन पर रूस का हमला नहीं होता। गुरुवार की बहस के दौरान सवाल विदेश नीति पर केंद्रित थे, जिसकी शुरुआत यूक्रेन में रूसी युद्ध से हुई। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर वे पद पर होते तो रूस यूक्रेन पर कभी हमला नहीं करता। उन्होंने बाइडन पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर हमारे पास एक सही राष्ट्रपति होता, एक ऐसा राष्ट्रपति जो जानता हो कि पुतिन उसका सम्मान करते हैं, तो वह यूक्रेन पर कभी हमला नहीं करता।

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