लोक सभा पोल को लेकर शराब की बिक्री पर नजर रखने को चार सरकारी विभागों को लगाया गया है। इसके लिए शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में अलग-अलग टीमें भी गठित कर दी गई हैं। मदिरा उत्पादन, भंडारण से लेकर बिक्री तक की रोज रिपोर्ट निर्वाचन आयोग को दी जानी है। यह प्रक्रिया नामांकन के पहले दिन से ही शुरू हो जाएगी। अवैध शराब पर नियंत्रण की पूरी जिम्मेदारी डीएम और एसएसपी को सौंपी गई है।
मजिस्ट्रेटी जांच कराई जाएगी
निर्वाचन आयोग की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक जहां भी शराब की बिक्री में संदेहजनक वृद्धि होगी, वहां मजिस्ट्रेटी जांच कराई जाए। जिन दुकानों में औसत से 30 फीसद ज्यादा की शराब की बिक्री हुई, वहां थोक बिक्री की आशंका होगी। शराब की एक-एक बोतल की दैनिक मॉनीटरिंग कराने को कहा गया है, जिसकी रिपोर्ट भी दी जानी है। प्रेक्षक भी इसकी मॉनीटरिंग करेंगे।
सतत निगरानी को कहा गया है
इसके अलावा उत्पाद इकाइयां, बोतल बंद करने की इकाइयां, मदिरा के गोदाम पर अतिरिक्त फोर्स लगाने को आयोग ने कहा है। इन स्थानों की सतत निगरानी को कहा गया है। साथ ही शराब के ट्रांसपोर्टेशन की निगरानी की जाए। दुकानों, गोदामों के स्टॉक रजिस्टर की दैनिक चेकिंग कराई जानी है। संवेदनशील शराब की दुकानों पर खुफिया नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
खुफिया एजेंसियों को लगाया गया है
आयोग के निर्देशों के अनुसार गैर कानूनी रूप से मदिरा के वितरण को रोकना डीएम और एसएसपी की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में से एक है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी वीएस दुबे ने बताया कि पुलिस, प्रशासन, आबकारी, खुफिया एजेंसियों को लगाया गया है। उन्होंने यह भी कहा है कि अवैध शराब की बिक्री अथवा गैर प्रांत की शराब यहां लाकर बिक्री करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बताया कि जिन दुकानों पर ज्यादा बिक्री सूचना हुई तो उसकी भी जांच कराई जाएगी।