चीन से हिसाब होगा चुकता: भारत ने लद्दाख में दो लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर तैनात किए

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीनी सेना के बीच तनाव अब भी बना हुआ है. चीन की किसी भी संभावित चालबाजी का जवाब देने के लिए भारतीय वायुसेना ने पूरी तैयारी कर रखी है. इसी के तहत वायुसेना की मदद करने के लिए लद्दाख में दो लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर को भी तैनात किया गया है.

ये दुनिया के सबसे हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर हैं और भारत में ही तैयार हुए हैं. बता दें कि ये पूरी कवायद आत्मनिर्भर अभियान के तहत की जा रही है.

लद्दाख में एलएसी पर चीन की धोखेबाजी से सतर्क हिंदुस्तान पूरी ताकत के साथ जुटा हुआ है. अब ऐसे दो देसी हेलिकॉप्टर भी लद्दाख में तैनात कर दिए गए हैं. वजन में ये हल्के जरूर हैं लेकिन इन पर जिम्मेदारी भारी है. संवेदनशील लद्दाख में इनकी तैनाती हुई तो इसकी काबिलियत को पूरी तरह परखा गया.

एयरफोर्स के वाइस चीफ एयर मार्शल हरजीत सिंह अरोड़ा ने एचएएल के टेस्ट पायलट विंग कमांडर सुभाष पी जॉन के साथ दौलत बेग ओल्डी जैसी हाई एल्टीट्यूड लोकेशन से फॉरवर्ड एरिया तक इसमें उड़ान भरी और इसकी अटैक करने की क्षमता का जायजा लिया. फिर एक जोखिम भरे हेलिपैड पर इसे उतारा गया.

ये लाइटवेट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर दिन और रात में टारगेट हिट करने के लिए जाना जाता है. इन हेलिकॉप्टर्स में ऊंचाई वाले इलाकों में हथियारों को ले जाने की काबिलियत है.

दो इंजन वाले इन हेलिकॉप्टर को 70 एमएम राकेट और चिन माउंटेट कैनन के साथ तैनात किया गया है. जानकार ये भी मानते हैं कि एक बार जब ‘वेपन इंटिग्रेशन’ पूरा हो जाएगा तो इसकी अहमियत और ज्यादा बढ़ जाएगी.

लद्दाख में इनकी तैनाती का ऐलान करते हुए एचएएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक आर माधवन ने कहा, सशस्त्र बलों की खास जरूरतों को पूरा करने के लिए विशेष डिजाइन के तहत विकसित ये दुनिया का सबसे हल्का लड़ाकू हेलिकॉप्टर है जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ में एचएएल की अहम भूमिका को साबित करता है.

इनकी तैनाती भारत के मिशन आत्मनिर्भर को आगे बढ़ाने की कवायद के तहत की गई है. पिछले हफ्ते ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 101 हथियारों और उपकरणों के आयात पर रोक लगाने का ऐलान किया था ताकि आत्मनिर्भर अभियान को आगे बढ़ाया जा सके. इनमें मशीनगन भी है तो मिसाइल भी. टैंक भी है तो पनडुब्बी भी.

दिसंबर 2020 से ही विदेशों से हथियारों और सैन्य उपकरणों का आयात रोकने का काम शुरू हो जाएगा. रक्षा मंत्री के ऐलान के बाद से सैन्य उपकरणों और हथियारों के देसी निर्माण के क्षेत्र में उत्साह की लहर है.

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को भी उम्मीद है कि उसे इस साल के आखिर तक 15 लाइट हेलिकॉप्टर बनाने का आर्डर मिल जाएगा. इनमें से 10 की जरूरत भारतीय वायुसेना और 5 की जरूरत थलसेना को है.

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