समाचार एजेंसी ने बुधवार को कोका के हवाले से बतया कि सरकार फाइजर इंक (Pfizer Inc) और उसके जर्मन पार्टनर बायोएनटेक (BioNTech) से वैक्सीन खरीदने के लिए बातचीत कर रही है। उन्होंने संसद में बताया, ‘हम दिसंबर में चीनी वैक्सीन की कम से कम 10 मिलियन (2 करोड़) खुराक खरीद पाएंगे। हम इस संख्या को बढ़ाना चाहते हैं। शायद यह आंकड़ा जनवरी तक आसानी से दोगुना हो आए। एक या दो दिन में इसपर हस्ताक्षर किए जाएंगे।’

सिनोवैक की एक्सपेरिमेंटल कोरोना वायरस वैक्सीन ‘कोरोना वैक’ (CoronaVac) ने एक त्वरित प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया शुरू करती है। बुधवार को वैक्सीन के प्रारंभिक परीक्षण के परिणाम में बताया गया है कि इससे उत्पन्न होने वाली एंटीबॉडी का स्तर उन लोगों की तुलना में कम है जो वायरस से ठीक हो चुए हैं। कोरोना वैक और चीन में विकसित चार अन्य एक्सपेरिमेंटल वैक्सीन की प्रभावशीलता को निर्धारित करने के लिए तीसरे चरण का परीक्षण किया जा रहा है।
वहीं, चीनी कंपनी ने प्रारंभिक चरण के क्लिनिकल ट्रायल के परिणामों में यह दावा किया है कि यह वैक्सीन अब तक सुरक्षित सबित हुई है और इसने 18 से 59 वर्ष के स्वस्थ लोगों में एंटीबॉडीज विकसित की है। लैन्सेट इंफेक्शियस डिसीज जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसारकोरोना वैक्सीन बनाने की दौड़ में शामिल कोरोना वैक के पहले टीके के 28 दिन के भीतर यह लोगों में एंटीबॉडीज प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है।
अध्ययन के सह लेखक फेंगकई झू के मुताबिक, ‘हमारा अध्ययन बताता है कि कोरोना वैक के दो डोज 14 दिन के अंतराल में दिए जाने पर यह चार हफ्ते के भीतर सर्वाधिक एंटीबॉडीज प्रतिक्रिया पैदा करने में सक्षम है।’ उन्होंने कहा, ‘लंबे अंतराल में जब कोरोना वायरस का खतरा कम हो जाएगा, तब एक महीने के अंतर में दो डोज देना दीर्घकालिक प्रतिरोधी तंत्र विकसित करने के लिए पर्याप्त रहेगा।
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