रक्षामंत्री राजनाथ ने लोकसभा में कहा कि चीन पूर्वी क्षेत्र में भी भूमि को अपना बताता है और ये भारत ने कभी स्वीकार नहीं किया है. LAC पर शांति में किसी भी तरह का खेद हमारी रिश्तों को खराब कर सकता है. चीन भारत के संबंध पर प्रभाव पड़ा है. मुझे ये बताते हुए गर्व की अनुभूति है कि भारत की सेना ने डट के सामना किया है बहादुरी से दुर्गम पहाड़ियों पर अडिग है.
लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पिछले सितंबर के बाद से दोनों पक्षों (भारत और चीन) ने सैन्य और राजनयिक माध्यम से एक दूसरे के साथ संचार बनाए रखा है. हमारा उद्देश्य एलएसी पर शांति और शांति बहाल रखना है.
चीन विवाद पर रक्षामंत्री ने कहा, ‘पेट्रोलिंग तब शुरू होगी जब इसपर समझौता बनेगा, सदन को बता दूं, जो समझौता हुआ है अभी तक दोनों तरफ से बख्तरबंद गाड़िया परमानेंट बेस पर वापस जा चुकी हैं.’
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