चीन ने बनाया कंक्रीट टॉवर वाला ब्रिज जानें क्या है इसमें खासियतें

चीन में विकास के लिए नित नए प्रयोग होते रहते हैं। चीन अपने यहां नए-नए तरह के पुल बनाने के लिए भी जाना जाता है। चीन ने अपने यहां कई आश्चर्यजनक पुल बनाए हुए हैं जो बाकी देशों के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत हैं। इन पुलों को बनाकर चीन ने जहां एक जगह से दूसरे की दूरियां कम की है वहीं एक उदाहरण भी प्रस्तुत किया है।

कहीं पर कंक्रीट का पुल बनाया तो कहीं पर शीशे का पुल बनाया हुआ है। कहीं पर सबसे ऊंचा पुल बनाया गया हैं तो कहीं पत्थरों को काटकर शीशे का पुल बनाया गया है। चीन में आधा दर्जन ऐसे पुल हैं जो अपने आप में ऐतिहासिक हैं। कुछ दिन पहले चीन ने इसी दिशा में एक नया पुल जनता के लिए खोल दिया है, ये दुनिया का सबसे ऊंचा कंक्रीट टॉवर वाला ब्रिज के नाम से जाना जा रहा है

चीन में दुनिया के सबसे ऊंचे कंक्रीट टावर वाला ब्रिज बन चुका है। इसे पिंगटांग ब्रिज नाम दिया गया है। इसके मेन टावर की ऊंचाई 332 मीटर है। ब्रिज में प्रमुख रूप से तीन टावर हैं जो केबल के सहारे एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। 2135 मीटर लंबा यह ब्रिज काओडू नदी की घाटी पर बनाया गया है। यह पिंगटांग लुओडियान एक्सप्रेस-वे को जोड़ता है। गत दिनों इस पुल को आम जनता के लिए खोल दिया गया।

पिंगटांग ब्रिज पिंगटैंग, गुइझोऊ, चीन में एक पुल है और गहरी काओदु नदी घाटी के ऊपर पिंगटांग लुओडियन एक्सप्रेसवे है। 332 मीटर (1,089 फीट) की ऊंचाई के साथ, यह दुनिया का दूसरा सबसे लंबा पुल है। इसे दो दिन पहले यानि 30 दिसंबर 2019 को यातायात के लिए खोला गया है।

पुल 7,000 फीट (2,100 मीटर) की लंबाई के साथ एक मल्टी-स्पैन केबल-स्टे ब्रिज है। एक मुख्य टॉवर के साथ जिसकी ऊंचाई 332 मीटर (1,089 फीट) है। पुल दुनिया में दूसरा सबसे ऊंचा है। सबसे ऊंचा टॉवर फ्रांस के मिलौ वियाडक्ट से 15 मीटर (49 फीट) छोटा है, जिसकी पिंगटांग ब्रिज के समान संरचना है। यह पुल दुनिया के 20 सबसे ऊंचे स्थानों में से एक है, जिसके नीचे नदी के ऊपर 310 मीटर (1,020 फीट) का एक डेक है। इस पुल को बनाने में 1.5 बिलियन युआन (लगभग 215 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का खर्च आया।

ये पुल हुनान प्रांत में चांगचियाचिए में दो पर्वतों को जोड़ता है। इन पर्वतों को ‘अवतार’ पर्वत कहा जाता है क्योंकि यहीं हॉलीवुड की मशहूर फ़िल्म ‘अवतार’ की शूटिंग यहां हुई थी। 300 मीटर की ऊंचाई पर बने 430 मीटर लंबे इस पुल को बनाने में 34 लाख डॉलर खर्च हुए थे। इस पुल का फ़र्श तीन परतों वाले पारदर्शी शीशे के 99 चौकोर पैनलों से बनाया गया है। शीशे के पुलों को लेकर चीन में दीवानगी सी देखी जा रही है. ऐसे पुलों पर सामूहिक योग और शादी जैसे आयोजन भी किए जा चुके हैं।

शीशे के फर्श वाले पुलों की सुरक्षा को लेकर सबके मन में सवाल उठते रहे हैं। पिछले साल सितंबर में शीशे के ऐसे ही एक ब्रिज के फर्श में लगे शीशे के पैनल में दरार आने से लोगों में अफरा तफरी मच गई थी। बताया जा रहा है कि 430 मीटर लंबे इस पुल पर 800 लोग खड़े हो सकते हैं। एक अधिकारी के मुताबिक निर्माण और आर्किटेक्चर में कई विश्व रिकॉर्ड स्थापित करने वाले इसरायल के आर्किटेक्ट हैम डोटान ने इस पुल का डिज़ाइन बनाया है।

हांगकांग-झुहाई एंड मकाऊ ब्रिज भी वाहन चालकों के लिए खोला जा चुका है। ये नदी या समुद्र, कहीं पर भी बना दुनिया का छठा सबसे लंबा पुल है। ये नया सी ब्रिज साउथ चाइना सी पर पर्ल रिवर डेल्टा के पूर्वी और पश्चिमी छोर को जोड़ेगा। झुहाई चीनी मैनलैंड पर बसा शहर है, जो अब हांगकांग और मकाऊ, दोनों स्पेशल एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन से जुड़ जाएगा।

इस पुल में डुअल थ्री लेन है जो समुद्र के ऊपर 22.9 किलोमीटर है जबकि 6.7 किलोमीटर समुद्र के नीचे सुरंगनुमा शक्ल में है। इसकी गहराई 44 मीटर तक है। पुल का बाकी हिस्सा जमीन पर बना है। सुरंग के दोनों तरफ़ दो कृत्रिम द्वीप हैं। ये दोनों 10 लाख वर्ग फुट के ज्यादा इलाके में बने हैं।

ये पर्ल रिवर एश्चुअरी के छिछले क्षेत्र में बना है ताकि पुल और सुरंग के इलाकों के बीच में ट्रांसिट मिल सके। समुद्र के नीचे जो सुरंग बनी है, वो 33 ब्लॉक से तैयार हुई है। इनमें से हरेक 38 मीटर चौड़ा, 11.4 मीटर ऊंचा और 80 हजार टन वजनी है। इस पुल में 4 लाख टन स्टील लगा है, जो रिक्टर पैमाने पर 8 की तीव्रता वाले भूकंप को भी आसानी से झेल सकता है।

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