चीन ने बुधवार को तिब्बत का मुद्दा उठाते हुए कहा है कि तिब्बत को समर्थन देने वाले देशों का वह विरोध करता है। बुधवार को चीन विदेश मंत्रालय की ओर से फिर इस मसले पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा, ‘ चीन की स्थिति स्पष्ट है। तिब्बत की स्वतंत्र सेना की अलगाववादी गतिविधियों को समर्थन देने वाले देशों का हम विरोध करते हैं।’

भारत-चीन सीमा पर जारी विवाद पर उन्होंने कहा कि सीमा पर भारत ने ही समझौते को तोड़ा और LAC को पार कर इस ओर आ गया। बता दें कि लद्दाख सीमा के पास जारी तनाव के बीच चीन की ओर से लगातार बयानबाजी जारी है। हालांकि चीन के इस दावे को भारत पहले ही नकार चुका है।
प्रवक्ता ने यह भी दावा किया कि किसी भी देश के अधिकार क्षेत्र पर चीन ने दावा नहीं किया ओर इसके सैनिकों ने कभी अपनी सीमा पार नहीं की जरूर कोई गलतफहमी हुई है। इससे पहले भारतीय सेना ने 29-30 अगस्त की दरम्यानी रात को लद्दाख में चुशुल के करीब पैगोंग त्सो के तट के करीब भारतीय इलाकों में चीनी सेना के घुसपैठ के प्रयास को विफल कर दिया था।
भारतीय सैनिकों की मदद के लिए तिब्बती लोगों की मौजूदगी के सवाल के जवाब में प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रवक्ता ने गुस्से में कहा कि इसका जवाब भारत से मांगना चाहिए। उन्होंने कहा कि चीन को इस बात की स्पष्ट जानकारी है कि तिब्बती लोगों और अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के बीच लंबे समय से संबंध रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि चीन भारत के साथ-साथ उन सभी देशों का विरोध करता है, जो तिब्बती लोगों को अपने देश में शरण देते हैं।
सर्वविदित है कि चीन की ओर से भारत का पुरजोर विरोध किया जा रहा है। चीनी प्रवक्ता ने कहा कि भारत लगातार खुद को सही साबित करने में लगा हुआ है, लेकिन हमारे यहां कहावत है कि जो दोषी होता है वही पहले विरोध जताना शुरू कर देता है। भारत ने ही बीते शनिवार को समझौते को तोड़ा और माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की।
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