चीन को दी सबसे बड़ी चुनोती: अब अमेरिकी नौसेना ने दक्षिण चीन सागर में किया अभ्यास

अमेरिकी नौसेना दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करते हुए ‘ड्यूल कैरियर ऑपरेशन’ और अभ्यास कर रही है। भारत और चीन के बीच लद्दाख में महीनों से चल रहे सीमा गतिरोध के बीच अमेरिकी नौसेना का यह अभ्यास दर्शाता है कि वह भारत के साथ है।

रोनल्ड रीगन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के लिए ‘एक्रीडीशन इन पब्लिक रिलेशन एंड मिलिट्री पब्लिक अफेयर्स’ अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर शॉन ब्रोफी ने कहा, यूएसएस निमित्ज (सीवीएन 68) और यूएसएस रोनल्ड रीगन (सीवीएन 76) दक्षिण चीन सागर में स्वतंत्र और खुले भारत-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करते हुए अभ्यास कर रही है।

हाल ही में चीनी सैन्य आक्रामकता को मुंहतोड़ जवाब देने और भारत समेत एशियाई क्षेत्रों में अन्य देशों को समर्थन देने के लिए के लिए अमेरिका ने अपने सैनिकों को यूरोप से स्थानांतरित कर यहां तैनात कर दिया था।

अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने कहा था कि भारत और दक्षिण पूर्ण एशियाई देशों को चीन से खतरे को देखते हुए अमेरिका यूरोप में अपने सैनिकों की मौजूदगी को कम रहा है और उन्हें दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में तैनात कर रहा है।

पोम्पियो से जब पूछा गया कि आखिर अमेरिका ने जर्मनी में अपने सैनिकों की संख्या कम क्यों कर दी, तो उन्होंने कहा कि वहां सैनिकों की संख्या इसलिए कम है, क्योंकि उन्हें दूसरी जगहों पर तैनात किया जा रहा है।

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा था कि चीन में सत्ताधारी चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की हरकतें भारत, वियतनाम, मलयेशिया, इंडोनेशिया और दक्षिण चीन सागर के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि हम इस बात को सुनिश्चित करेंगे कि अमेरिकी सेना किसी भी चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहे।

 

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