चीन के शीर्ष अधिकारी ने खोला राज़- मुझे भी कोरोना वैक्सीन की डोज दी गई,

चीन के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के निदेशक गाओ फू ने भी परीक्षण के दौर से गुजर रही कोरोना वैक्सीन की एक डोज ली है। परीक्षण में प्रभावी और सुरक्षित पाए जाने के बाद यह वैक्सीन आम लोगों के लिए उपलब्ध होगी। चीन की सबसे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनी की अहम शाखा ‘अलीबाबा हेल्थ’ की ओर से आयोजित वेबिनार में गाओ ने कहा, ‘मैं एक राज साझा कर रहा हूं। मुझे भी एक वैक्सीन की डोज दी गई है। उम्मीद है, यह प्रभावी होगी।’

एसोसिएटेड प्रेस ने इसी महीने खबर दी थी कि चीन की एक सरकारी कंपनी ने मार्च में अपने कर्मचारियों पर कोरोना वैक्सीन का परीक्षण किया था। यह आम लोगों पर परीक्षण की सरकारी अनुमति मिलने से पहले की बात है। इसे लेकर नैतिक सवाल भी उठे थे। बहरहाल, गाओ ने यह नहीं बताया कि उन्होंने कब और कैसे वैक्सीन की डोज ली। क्या वह सरकार की अनुमति से हुए मानव परीक्षण का हिस्सा थे? वह कुछ नहीं बोले।

कोरोना की वैक्सीन सबसे पहले बनाने की होड़ में अमेरिका व ब्रिटेन की कंपनियों के साथ चीन भी शामिल है। अगर चीन कामयाब हुआ तो यह उसकी वैज्ञानिक और राजनीतिक विजय होगी। चीन की दावेदारी इसलिए भी मजबूत दिखती है कि मानव परीक्षण के दौर में पहुंची दुनिया की दो दर्जन वैक्सीन में से आठ उसी की है।

करोड़ों लोगों के DNA सैंपल इकट्ठा कर रहा चीन

चीनी अधिकारी देशभर से करोड़ों लोगों के डीएनए सैंपल इकट्ठा कर रहे हैं ताकि हाईटेक निगरानी के नए हथियार के रूप में उनका इस्तेमाल किया जा सके। न्यूयॉर्क टाइम्स में लिखे एक लेख में यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो में पीएचडी के छात्र एमिल डिर्क और आधुनिक चीन में जातीय मसलों के विशेषज्ञ जेम्स लीबोल्ड का कहना है कि चीन में असहमति अपराध है और पुलिसिया अभियान सरकार के दमन का एक प्रमुख हिस्सा है। उनका अनुमान है कि अधिकारियों का लक्ष्य 3.5 करोड़ से सात करोड़ चीनी पुरुषों का डीएनए एकत्रित करने का है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com