चीन के विदेश मंत्री वांग यी को पदोन्नति देकर आज (19 मार्च) स्टेट काउंसलर के शीर्ष राजनयिक पद पर बिठाया गया है. अब वह भारत-चीन सीमा वार्ता के लिए नए विशेष प्रतिनिधि नियुक्त किए जा सकते हैं. 65 वर्ष के वांग विदेश मंत्री के पद पर भी बने रहेंगे. वह हाल के वर्षों में एक साथ दोनों पदों पर बने रहने वाले पहले चीनी अधिकारी हैं. सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के अनुसार, नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी; चीनी संसद) में स्टेट काउंसलर और विदेश मंत्री के पद के लिए वांग के नाम का समर्थन किया गया था.
अगले पांच साल तक विभिन्न पदों के प्रमुख अधिकारियों के नामों की घोषणा
चीनी प्रधानमंत्री लीक्विंग ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग की अगुवाई वाली सरकार में अगले पांच साल तक विभिन्न पदों के प्रमुख अधिकारियों के नामों की घोषणा की जिसमें वांग का नाम भी शामिल था. चीन के सत्ता पदानुक्रम में स्टेट काउंसलर का पद विदेश मंत्री के पद से ऊपर और शीर्ष राजनयिक पद माना जाता है. स्टेट काउंसलर पर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) की नीतियों को लागू सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी रहती है. वांग ने यांग जिइची (67) का स्थान लिया है जो पिछले साल पोलित ब्यूरो के सदस्य बन गए. पोलित ब्यूरो शी की अध्यक्षता में सीपीसी की एक उच्च स्तरीय संगठन है.
चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग को पांच साल का दूसरा कार्यकाल मिला
इससे पहले चीन की संसद ने बीते 18 मार्च को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी में दूसरे बड़े नेता चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग को पांच वर्ष के दूसरे कार्यकाल के लिए चुना. एक दिन पहले शी चिनफिंग का राष्ट्रपति पद के लिए पुन: चयन किया गया था. अब वह जीवन पर्यंत राष्ट्रपति पद पर बने रह सकते हैं.
ली (62) कोराष्ट्रपति शी की ओर से नामित किया गया था. बीजिंग के ग्रेट हॉल ऑफ पीपल में नेशनल पीपल्स कांग्रेस( एनपीसी; चीन की संसद) के सालाना सत्र के दौरान उनके पक्ष में2,964 और खिलाफ दो मत पड़े. इसके साथ ही उनकी पुन: नियुक्ति हो गई. ली मुख्य रूप से अर्थव्यवस्था को देखते हैं. ली का पांच वर्ष का पहला कार्यकाल शी के कार्यकाल के साथ ही पूरा हो गया था. गौरतलब है कि शी अब पार्टी के संस्थापक माओ त्से तुंग के कद के नेता बन गए हैं, जो जीवन पर्यंत राष्ट्रपति पद पर बने रह सकते हैं.
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