चीनी कोरोना वैक्सीन का दूसरा चरण सुरक्षित, टीका लगाने के बाद कोई प्रतिभागी नहीं आया संक्रमण की चपेट में

चीन में किये जा रहे कोरोना टीका के दूसरे चरण के क्लीनिकल परीक्षण में यह पाया गया है कि यह सुरक्षित है और शरीर में प्रतिरक्षा पैदा कर रहा है। यद ‘लांसेट’ मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में यह कहा गया है।

चीन रोग नियंत्रण केंद्र के विशेषज्ञों सहित अनुसंधान में शामिल अन्य वैज्ञानिकों ने कहा है कि परीक्षण में टीके की सुरक्षा और प्रतिरक्षा तैयार होने का मूल्यांकन किया गया। उन्होंने बताया अनुसंधान के नतीजे में प्रथम चरण के परीक्षण की तुलना में कहीं अधिक प्रतिभागियों से आंकड़े उपलब्ध हुए हैं। परीक्षण में 55 साल से अधिक उम्र के लोगों के एक छोटे से समूह को भी शामिल किया गया था। हालांकि, अनुसंधानकर्ताओं ने आगाह किया है कि मौजूदा परीक्षण में शामिल कोई भी प्रतिभागी टीकाकरण के बाद कोरोना वायरस, सार्स-कोवी-2 की चपेट में नहीं आया। इसलिए, उन्होंने कहा कि मौजूदा परीक्षण के जरिये यह कहना संभव नहीं है कि टीके ने सार्स-कोवी-2 संक्रमण के खिलाफ प्रभावी सुरक्षा प्रदान की या नहीं।

चीन का अनुसंधान सामान्य सर्दी-जुकाम वायरस पर है आधारित

ब्रिटेन के लंदन स्थित इंपेरियल कॉलेज के प्रतिरक्षा विज्ञान के प्राध्यापक डैनी अल्टमैन ने कहा, चीन का अनुसंधान सामान्य सर्दी-जुकाम वायरस पर आधारित है, जिसके खिलाफ लोगों के शरीर में पहले से एंटीबॉडी मौजूद होते हैं। उल्लेखनीय है कि अनुसंधान टीम से उनका कोई संबंध नहीं है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक 508 लोगों को नए टीके के परीक्षण में शामिल किया गया। परीक्षण के नतीजों में यह खुलासा हुआ कि टीके की अधिक खुराक वाले 95 प्रतिशत प्रतिभागियों और कम खुराक वाले 91 प्रतिशत प्रतिभागियों में टीकाकरण के 28 वें दिन टी-सेल या एंटीबॉडी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया दिखी।

गौरतलब है कि चीन से निकला कोरोना संक्रमण ने विश्वभर में फैल गया है। दुनिया के अधिकत देश कोरोना महामाी से जूझ रहे हैं। कोरोना संक्रमण के बीच ही अधिकतर देश अब कोरोना की वैक्सीन बनाने में लगे हुए हैं और इसके ट्रायल किए जा रहे हैं।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com