रिलायंस इंडस्ट्रीज चिप निर्माण क्षेत्र में उतर सकती है। ऐसा होता है तो वेदांता सहित अन्य वैश्विक कंपनियों के साथ रिलायंस की टक्कर होगी। रिलांयस चिप की जरूरतों को पूरा करने और बढ़ती मांग का लाभ उठाना चाहती है।
रिलायंस चिप बनाने वाली ऐसी विदेशी कंपनियों के साथ बात कर रही है, जो उसके साथ तकनीकी भागीदार बन सकें। देश में अभी तक चिप निर्माण का कोई प्लांट नहीं है। वेदांता और फॉक्सकॉन चिप प्लांट के लिए साथ आए थे। लेकिन एक साल बाद कोई प्रगति नहीं होने पर सौदा टूट गया। अब दोनों अलग होकर आवेदन कर रही हैं। भारत का चिप बाजार 2028 तक 80 अरब डॉलर होने का अनुमान है, जो अभी 23 अरब डॉलर है।
एनविडिया के साथ एआई के लिए करार
भारत में एडवांस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के लिए रिलायंस ने एनविडिया के साथ भागीदारी की है। दोनों एआई बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए मिलकर काम करेंगी, जो भारत में सबसे तेज सुपरकंप्यूटर से भी ताकतवर है। एआई किसानों को मौसम की जानकारी और फसलों की कीमतें प्राप्त करने के लिए उनकी स्थानीय भाषा में मोबाइल से बात करने में मदद करेगी।