मध्य प्रदेश में अभी किसी भी वेदर सिस्टम के सक्रिय नहीं रहने से बारिश का क्रम लगभग थम गया है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक वर्तमान में बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य में हवा के ऊपरी भाग में चक्रवात बन रहा है। साथ ही मानसून ट्रफ का पूर्वी छोर भी बंगाल की खाड़ी में है। इसके प्रभाव से रविवार से पूर्वी मध्यप्रदेश के रीवा, शहडोल संभागों के जिलों में बारिश की कुछ गतिविधयां शुरू होने के आसार हैं। चार दिन बाद भोपाल, जबलपुर, होशंगाबाद, इंदौर संभागों के जिलों में भी बारिश का दौर शुरू हो सकता है। इसके पहले राजधानी का मौसम लगभग शुष्क रहेगा। उधर अरब सागर से आ रही नमी के कारण शनिवार-रविवार को भोपाल, इंदौर में शाम के वक्त कहीं-कहीं हल्की बौछारें पड़ सकती हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को पिछले 24 घंटों के दौरान सुबह साढ़े आठ बजे तक धार में 1.2, इंदौर में 0.2 मिलीमीटर बारिश हुई। शुक्रवार को राजधानी का अधिकतम तापमान 32.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जो सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। साथ ही गुरुवार के अधिकतम तापमान (31.3 डिग्रीसे.) की तुलना में 0.8 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि बंगाल की खाड़ी में बन रहे सिस्टम के असर से पूर्वी मध्यप्रदेश के जिलों में रविवार से बौछारें पड़ने का सिलसिला शुरू हो सकता है। हालांकि राजधानी में चार दिन बाद ही बारिश होने के आसार हैं।
इसके पहले मौसम मुख्यत: शुष्क रहेगा। इससे अधिकतम तापमान में बढ़ोतरी होगी। साहा के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवात के 18 अगस्त को कम दबाव के क्षेत्र में तब्दील होकर आगे बढ़ने की संभावना है। इसके प्रभाव से दक्षिणी मध्यप्रदेश के जबलपुर, भोपाल, होशंगाबाद और इंदौर संभाग के जिलों में बारिश का दौर शुरू होने की संभावना है।