देश में जब भी कोई अमीरी गरीबी की बात आती है तो चाय वाले का नाम जरूर आता है और अब तो देश के प्रधानमंत्री भी चाय वाले थे। गरीबी की मिसाल देने के लिए चाय वाले का नाम लिया जाता है। यहां तक की खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कहते रहे हैं कि वे चाय बेचते थे और आज इस पद तक पहुंचे हैं।इन दिनों राजस्थान के कोटपूतली में रहने वाले चाय बेचने वाले की अकूत संपत्ति सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है। रामपुरा गांव में रहने वाले लीलाराम गुर्जर चाय बेचते हैं, लेकिन उन्होंने दो बेटियों की शादी में 1.51 करोड़ रुपए की विदाई दे डाली। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद परिवार के पुरुष गांव से बाहर चले गए हैं। बताया ऐसा जाता है की चाय वाले ने अपनी बेटी शादी में भारी रकम डाली।
इस मामले में गांव का कोई भी शख्स कुछ भी बोलने से बच रहा है। विभिन्न मीडिया समूह के पत्रकारों ने जब लीलाराम की पत्नी सुरेशी देवी से इस मामले के बारे में जानने की कोशिश की तो उन्होंने भी इसपर कुछ भी बोलने से मना कर दिया। इलाके में ये भी चर्चा है कि 1.51 करोड़ रुपए की रकम दहेज की रूप में दी गई थी। ये भी कहा जा रहा है कि ये पंच पटेलों ने खड़े होकर बोली लगाकर इतनी बड़ी रकम दहेज में दी थी।
वीडियो के वायरल होने के बाद मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि यह इसे पांच अप्रैल को रामपुरा में बनाया गया था। इसी दिन लीलाराम गुर्जर की दो बेटियों की शादी भी थी। लीलाराम की भिवाड़ी में चाय की दुकान है। इस कहानी में एक पहलू ये भी सामने आ रहा है कि लीलाराम ने उस दिन अपनी सभी छह बेटियों को शादी करना चाहते थे, लेकिन दो केवल बालिग हैं इसलिए उनकी शादी हो पाई।