प्रयागराज समेत तमाम जिलों में बढ़ रही कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या का असर रेल सफर पर भी पड़ने लगा है। उत्तर मध्य रेलवे के प्रयागराज मंडल की बात करें तो बीते 8 दिनों में यहां टिकट निरस्त कराने वालों की संख्या लगातार बढ़ी है। इस दौरान विभिन्न स्टेशनों से 8000 से ज्यादा टिकट निरस्त हुए।
प्रयागराज मंडल से सर्वाधिक निरस्त टिकट प्रयागराज जंक्शन एवं कानपुर सेंट्रल से चलने एवं वहां से गुजरने वाली ट्रेनों के रहे।
इसकी संख्या पांच हजार से ज्यादा की है।
इसमें भी अधिकांश टिकट मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, दिल्ली रूट की ओर जाने वाली ट्रेनों के ही हैं। अधिकांश लोगों का यही मानना है कि कोरोना जिस तरह से अपने पांव पसार रहा है, उससे सार्वजनिक वाहनों की तुलना में निजी वाहनों में सफर करना सुरक्षित है। प्रयागराज जंक्शन की बात करें तो वर्तमान समय 184 ट्रेनों की आवाजाही हो रही है।
इसमें कुछ ट्रेनें सप्ताह में एक से चार दिन भी संचालित हो रही हैं। प्रयागराज जंक्शन, छिवकी रेलवे स्टेशन की बात करें तो यहां हर रोज 200 से ज्यादा लोग टिकट निरस्त कराने के लिए पीआरएस काउंटर पहुंच रहे हैं। इसके अलावा बहुत से ऐसे भी यात्री बीते आठ दिनों के दौरान रहे जिन्होंने अपनी यात्रा के लिए रिजर्वेशन तो करवाया लेकिन मुंबई एवं महाराष्ट्र के अन्य शहरों में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण की वजह से उन्होंने यात्रा ही नहीं की।
रविवार को प्रयागराज रामबाग रेलवे स्टेशन पर पुणे का टिकट निरस्त कराने के लिए आए अल्लापुर के राजीव सिंह ने कहा कि उनकी बेटी पुणे की एक मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत है। तीन महीने पहले ही उन्होंने रिजर्वेशन करवाया था, लेकिन अब जिस तरह से महाराष्ट्र और अब प्रयागराज में कोरोना बढ़ा है, वहां जाने की हिम्मत ही नहीं हो रही।
इसी तरह रविवार को ही प्रयागराज जंक्शन के रिजर्वेशन काउंटर पर मुंबई की टिकट निरस्त कराने आए प्रीतम नगर के दिलीप चतुर्वेदी ने बताया कि उनका 14 अप्रैल का रिजर्वेशन था। अगर टिकट निरस्त करवाने एक दिन पहले आता तो रिफंड आधा ही मिलता।
इसी वजह से रविवार को ही टिकट निरस्त करवा लिया गया। प्रयागराज मंडल के पीआरओ अमित सिंह ने बताया कि मुंबई, पुणे रूट से आने वाली ट्रेनें अभी फुल आ रही है। बीते आठ दिन के दौरान मंडल के तमाम रेलवे स्टेशन से आठ हजार से ज्यादा टिकट निरस्त हुए हैं।